iGrain India - नई दिल्ली। हालांकि सोयामील का निर्यात प्रदर्शन काफी शानदार चल रहा है और इसका शिपमेंट जनवरी 2023 के 1.10 लाख टन से उछलकर जनवरी 2024 में 3.75 लाख टन पर पहुंच गया लेकिन यह इसलिए संभव हो सका क्योंकि इसक दाम काफी घट गया। इसी तरह विदेशों से विशाल मात्रा में आयातित सस्ते सोयाबीन तेल के भारी-भरकम स्टॉक की मौजूदगी एवं सीमित मांग के कारण सोया तेल का दाम भी नरम पड़ गया है। इसके फलस्वरूप सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी भाव 9-15 फरवरी वाले सप्ताह के दौरान तीनों शीर्ष उत्पादक राज्यों- मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं राजस्थान में कमजोर पड़ गया। कोटा में दो इकाइयों में इसका भाव 150 रुपए घटकर 4550 रुपए प्रति क्विंटल एवं एक अन्य इकाई में 75 रुपए गिरकर 4825 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र में भी सोयाबीन का प्लांट डिलीवरी मूल्य 50-100 रुपए गिरकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आ गया जो इस बार 4600 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है। उत्पादक मंडियों में तो दाम और भी नीचे चल रहा है जिससे किसानों में असंतोष बढ़ रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में सोयाबीन का भाव नरम चल रहा है। ब्राजील में सोयाबीन की नई फसल आ रही है जबकि अर्जेन्टीना में अगले महीने से इसकी आवक शुरू होगी। वहां फसल की हालत संतोषजनक बताई जा रही है।
सोया तेल (रिफाइंड)
सोयाबीन का भाव नरम रहने से सोया रिफाइंड तेल के दाम में भी 10-20 रुपए की नरमी दर्ज की गई। मंदसौर की इकाइयों में भाव 20 रुपए नीचे आया। उज्जैन के एक प्लांट में भी यह 13 रुपए गिरकर 900 रुपए प्रति 10 किलो रह गया। नागपुर की एक इकाई में यह 25 रुपए नरम रहा मगर नांदेड में 35 रुपए बढ़कर 930 रुपए पर आ पहुंच गया। दूसरी ओर कोटा में इसका भाव 35 रुपए घटकर 890 रुपए रह गया। कांडला में कारोबार सीमित एवं भाव स्थिर रहा। हल्दिया में दाम 12 रुपए सुधर गया।
आवक
प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों में 9 फरवरी को 2.30 लाख बोरी, 12 फरवरी को 3.65 लाख बोरी तथा 15 फरवरी को 2.80 लाख बोरी सोयाबीन की आवक हुई जबकि प्रत्येक बोरी 100 किलो की होती है।