iGrain India - दुबई । खाड़ी क्षेत्र के देशों में रमजान के पवित्र माह के लिए विभिन्न वस्तुओं की मांग बढ़ने लगी है जिसमें छोटी (हरी) इलायची भी शामिल है। दुबई में गल्फ फ़ूड 2024 (व्यापार मेला) का आयोजन हो रहा है और भारतीय इलायची निर्यातक इसे लेकर काफी उत्साहित हैं।
उन्हें इसमें अपने उत्पाद का बेहतर कारोबार होने की उम्मीद है। उन्हें ग्वाटे माला के सापेक्ष मूल्य प्रतिस्पर्धा का लाभ मिलने का भरोसा है। अगले महीने (मार्च में) रमजान का महीना शुरू होने वाला है और उससे पूर्व आयोजित होने वाला यह व्यापार मेला भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
हालांकि आमतौर पर खाड़ी क्षेत्र के देशों में भारतीय इलायची निर्यातकों को ग्वाटेमाला की कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता हैं। ऊंचे दाम के कारण पिछले साल भारत से वहां इलायची का निर्यात प्रभावित हुआ था।
वर्तमान समय में भारत और ग्वाटेमाला की इलायची के बीच 5 डॉलर प्रति टन का अंतर बना हुआ है इसलिए भारतीय इलायची का कारोबार बेहतर होने के आसार हैं क्योंकि इसकी क्वालिटी बहुत अच्छी होती है। घरेलू प्रभाग में छोटी इलायची का भाव 1450-1500 रुपए प्रति किलो के बीच चल रहा है जबकि पिछले साल 2000 रुपए प्रति किलो से ऊपर पहुंच गया था।
दरअसल लाल सागर क्षेत्र में उत्पन्न संकट के कारण भारतीय निर्यातकों को दुबई के अलावा खाड़ी क्षेत्र के अन्य देशों को माल भेजने में भारी कठिनाई हो रही है। नए वैकल्पिक मार्ग से शिपमेंट में करीब दो सप्ताह का अतिरिक्त समय लग रहा है और खर्च भी ज्यादा बैठ रहा है। निर्यातकों को भुगतान मिलने में देर हो रही है जिससे घरेलू बाजार में नकदी का प्रवाह प्रभावित हो रहा है।
दुबई में आयोजित गल्फ फ़ूड 2024 में शामिल हो रहे बोदीनायकन्नूर के एक इलायची निर्यातक का कहना है कि इस व्यापार मेले में अनेक खरीदारों को भारतीय इलायची की क्वालिटी एवं कीमत काफी अनुकूल लग रहा है और वे इसकी खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
लेकिन कुछ खरीदार थोड़ी दुविधा में हैं क्योंकि ग्वाटेमाला में नई फसल की आवक हो रही है और पिछले साल कम कीमत पर खरीदे गए माल का स्टॉक भी मौजूद है। उस समय भारतीय इलायची का भाव ऊंचा चल रहा था।
इसके फलस्वरूप खरीदारों को भारतीय इलायची की खरीद का निर्णय लेने में कठिनाई हो रही है। इसके फलस्वरूप खरीदारों को भारतीय इलायची की खरीद का निर्णय लेने में कठिनाई हो रही है।
लेकिन रमजान की भारी मांग के कारण उन्हें अच्छी क्वालिटी की भारतीय इलायची की खरीद का प्रोत्साहन भी मिल रहा है क्योंकि इसका दाम ग्वाटेमाला की इलायची से ज्यादा ऊंचा नहीं है।