iGrain India - नई दिल्ली । आई ग्रेन इंडिया ने पिछले दिन गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में बढ़ोत्तरी की संभावना पर एक रिपोर्ट दी थी जो सही साबित हुई।
केन्द्र सरकार ने 2024-25 के मार्केटिंग सीजन के लिए गन्ना का एफआरपी बढ़ाकर 340 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है जो 2023-24 सीजन की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है।
यह एफआरपी गन्ना से 10.25 प्रतिशत रिकवरी दर पर आधारित है। इस रिकवरी दर में होने वाली बढ़ोत्तरी के अनुरूप एफआरपी में भी वृद्धि होती जाएगी। यदि 10.25 प्रतिशत की मूल रिकवरी दर में 0.1 प्रतिशत बिंदु का इजाफा होता है तो गन्ना का एफआरपी 3.32 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ जाएगा।
चीनी मिलों के लिए 9.5 प्रतिशत या इससे नीचे की रिकवरी दर के लिए गन्ना का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 315.10 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
गन्ना के एफआरपी में हुई इस बढ़ोत्तरी से देश के पांच करोड़ किसानों और उसके परिवार को फायदा होगा। यह एफआरपी अक्टूबर 2024 से लागू होगा जबकि मौजूदा मार्केटिंग सीजन सितम्बर 2024 में समाप्त हो जाएगा।
वर्ष 2023 में महाराष्ट्र एवं कर्नाटक जैसे प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में बारिश कम होने तथा मौसम गर्म एवं शुष्क रहने से गन्ना की फसल को काफी नुकसान हुआ जिससे वहां चीनी के उत्पादन में गिरावट आने की संभावना है।
वर्ष 2024 में भी अब तक वर्षा की हालत कमजोर ही रही है। यदि आगामी महीनों में देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों में अच्छी वर्षा होती है तो गन्ना की पैदावार में सुधार आने के आसार बढ़ जाएंगे लेकिन यदि मौसम अनुकूल नहीं रहा तो अगले सीजन में भी चीनी का उत्पादन कमजोर रह सकता है।
सरकार ने चीनी के निर्यात पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। आमतौर पर गन्ना के एफआरपी की घोषणा मई - जून में की जाती है लेकिन इस बार फरवरी में ही हो गई ताकि किसानों को गन्ना का क्षेत्रफल बढ़ाने का प्रोत्साहन मिल सके और देश में चीनी का बेहतर उत्पादन सुनिश्चित हो सके।