iGrain India - कोटा । पिछले दिन राजस्थान के जोधपुर जैसलमेर क्षेत्रों में हुई असामयिक वर्षा से जीरा की फसल आंशिक रूप से प्रभावित होने की आशंका है। इससे बाजार पर मनोवैज्ञानिक पड़ने लगा है। गुजरात की ऊंझा मंडी में नए माल सहित पुराने की आवक बढ़ने के बावजूद जीरा का भाव कुछ तेज हो गया।
दिल्ली के थोक किराना बाजार में पिछले दिन जीरा का दाम 26500/27500 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर बना रहा। गुजरात में फसल की हालत संतोषजनक बताई जा रही है जबकि वहां बिजाई क्षेत्र में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है।
जीरा का रकबा राजस्थान में भी बढ़ा है इसलिए थोड़े-बहुत नुकसान से कुल उत्पादन पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ना चाहिए लेकिन तात्कालिक प्रतिक्रिया के चलते बाजार कुछ मजबूत हो गया।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक मौसम विभाग ने चालू सप्ताह के आरंभिक तीन दिनों के दौरान राजस्थान सहित उत्तरी भारत के कई राज्यों में बारिश होने तथा कहीं-कहीं ओले गिरने का अनुमान व्यक्त किया था।
इसके अनुरूप राजस्थान में वर्षा हुई। इससे जीरे की फसल को कुछ हानि होने का डर है लेकिन वास्तविक नुकसान का आंकलन होने में कुछ समय लग जाएगा।
ऊंझा मंडी में जीरे की अच्छी आवक हो रही है और स्थानीय डीलर्स, दिसावरी व्यापारी तथा निर्यातक इसकी खरीद में दिलचस्पी भी दिखा रहे हैं जिससे कीमतों में मजबूती का माहौल बना हुआ है।
समीक्षकों के अनुसार चालू सप्ताह के आरंभ में हुई वर्षा से राजस्थान में जीरे की पिछैती बिजाई वाली फसल को फायदा होने की उम्मीद है मगर अगैती बिजाई वाली फसल को इससे कुछ क्षति हो सकती है। इस नुकसान की समीक्षा की जा रही है।
इस बीच ऊंझा मंडी में जीरे की औसत दैनिक आवक बढ़कर 17-18 हजार बोरी पर पहुंच गई है लेकिन फिर भी कीमतों में नरमी का रुख नहीं बना है। पिछले साल की दूसरी छमाही के दौरान जीरा का भाव उछलकर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया था जिसके मुकाबले दाम अब लगभग आधा घट गया है।
मार्च में नए माल की जोरदार आपूर्ति होने से जीरा के मूल्य पर दबाव कुछ बढ़ सकता है लेकिन यदि निर्यात मांग मजबूत बनी रही तो कीमत में ज्यादा नरमी नहीं आएगी।
चालू माह (फरवरी) के अंत तक ऊंझा में जीरा की दैनिक आवक बढ़ते हुए 30 हजार बोरी तक पहुंच जाने की उम्मीद है। चीन में भारतीय जीरे की अच्छी मांग निकलने लगी है।