iGrain India - नई दिल्ली । हालांकि सरकार ने पहले संकेत दिया था कि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बल्क खरीदारों के लिए केन्द्रीय पूल से गेहूं की बिक्री 15 मार्च 2024 तक जारी रखी जाएगी लेकिन अब इसे फरवरी के वाणिज्य के अंतिम सप्ताह से ही बंद करने की संभावना है।
फरवरी के अंत तक इसकी प्रक्रिया जारी रहेगी। दरअसल 28 जून 2023 से 21 फरवरी 2024 तक भारतीय खाद्य निगम द्वारा इस योजना के अंतर्गत 88.40 लाख टन गेहूं बेचा गया। मिलर्स- प्रोसेसर्स इसकी खरीद में भारी दिलचस्पी दिखा रहे हैं क्योंकि वह गेहूं अपेक्षाकृत सस्ता है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इस योजना को आरंभ करने का सरकार का उद्देश्य घरेलू प्रभाग में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाना तथा कीमतों में तेजी पर अंकुश लगाया था। इस उद्देश्य में काफी हद तक सफलता भी मिली है।
थोक एवं खुदरा बाजार में गेहूं का भाव लगभग स्थिर हो गया है जबकि अगले महीने से कुछ राज्यों में गेहूं की नई फसल की कटाई-तैयारी भी आरंभ होने वाली है। सरकार ने राज्यों के खाद्य सचिव की एक बैठक अगले सप्ताह बुलाई है जिसमें गेहूं खरीद के तौर-तरीकों पर विचार किया जाएगा।
राज्यों से प्राप्त रिपोर्ट या आंकड़ों के आधार पर गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य इस बार बढ़ाकर 2275 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है।
सरकार को गेहूं की पैदावार एवं खरीद में अच्छी बढ़ोत्तरी होने का भरोसा है। उसे यह भी उम्मीद है कि खुले बाजार बिक्री योजना के बंद होने के बाद भी आगे गेहूं के दाम में जोरदार बढ़ोत्तरी नहीं होगी क्योंकि व्यापारियों के लिए भंडारण सीमा लागू है और सरकारी खरीद के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहे हैं। कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के रबी सीजन में 1140 लाख टन गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन का अनुमान लगाया है।