iGrain India - नई दिल्ली । लम्बे समय से देश के अधिकांश भागों में अच्छी बारिश नहीं होने के कारण बांधों एवं जलाशयों में लगातर 20 वें सप्ताह भी पानी का स्तर घट गया। केन्द्रीय जल आयोग के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि चालू सप्ताह के दौरान देश के 150 प्रमुख जलाशयों में कुल 81.041 बिलियन क्यूसेक मीटर (बीसीएम) पानी का भंडार मौजूद है जो इसकी कुल भंडारण क्षमता 178.784 बीसीएम का महज 45 प्रतिशत है।
गत सप्ताह की इसी अवधि में 83 प्रतिशत पानी का भंडार उपलब्ध था। कुल भंडारण क्षमता के सापेक्ष सभी दक्षिणी भारत में 40 प्रतिशत तथा उत्तरी क्षेत्र में 30 प्रतिशत पानी का भंडार बचा हुआ है। यह काफी चिंताजनक स्थिति है और इससे जायद (ग्रीष्मकालीन) फसलों की खेती पर असर पड़ सकता है। इसकी बिजाई शीघ्र ही शुरू होने वाली है।
आयोग के आंकड़ों के अनुसार इन 150 जलाशयों में से 80 में पानी का स्टॉक सामान्य स्तर से 50 प्रतिशत से भी कम है। सिर्फ 2 जलाशय में ही पूरी क्षमता का पानी मौजूद है। देश के कम से कम 12 राज्यों में पानी का भंडार सामान्य स्तर से नीचे या बहुत नीचे है। तेलंगाना में अब तक भंडारण की बेहतर स्थिति थी मगर अब सामान्य से नीचे आने की संभावना है।
मौसम विभाग ने फरवरी में तापमान सामान्य से ऊंचा रहने की संभावना व्यक्त की है जिससे जल स्तर में और भी गिरावट आ सकती है। देश के 706 जिलों से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि उनमें से 76 जिलों में बारिश का या तो अभाव रहा या वर्षा बिल्कुल नहीं हुई।
दक्षिण भारत में स्थिति ज्यादा गंभीर है। वहां जलाशयों की कुल भंडारण क्षमता 53.334 बीसीएम है जबकि पानी का कुल भंडार महज 15.923 बीसीएम या 30 प्रतिशत ही है। दक्षिणी क्षेत्र में 42 जलाशय है जिसमें से 28 जलाशय में 50 प्रतिशत से कम पानी बचा हुआ है।
उत्तरी क्षेत्र में 10 में से 8 जलाशय में जल स्तर 50 प्रतिशत से नीचे है। पंजाब में 14 प्रतिशत एवं राजस्थान में 11 प्रतिशत जल स्तर नीचे है। पूर्वी क्षेत्र में 23 जलाशय है और उसमें से केवल 2 में ही पूरी क्षमता के अनुरूप पानी का भंडार है।