iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के वर्तमान रबी सीजन के लिए 1140 लाख टन गेहूं के उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है और उसे यह लक्ष्य हासिल हो जाने का भरोसा है।
सरकार का कहना है कि एक तो गेहूं के बिजाई क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुई है और दूसरे, मौसम की हालत भी तक फसल के अनुकूल बनी हुई है। तापमान में कोई असाधारण इजाफा नहीं हुआ है।
लेकिन पिछले दो वर्षों के अनुमानों को ध्यान में रखते हुए केन्द्र ने सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों से केन्द्रीय पूल के लिए अगले महीने (मार्च) के प्रथम पखवाड़े से गेहूं की खरीद आरंभ करने के लिए कहा है ताकि इसकी अधिक से अधिक मात्रा खरीदने में सफलता मिल सके। केन्द्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक घटकर गत 7 साल के निचले स्तर पर आ गया है।
केन्द्रीय खाद्य सचिव के अनुसार सभी राज्यों से कहा गया है कि नई फसल की आवक के आधार पर 1 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू कर दी जाए। उत्तर प्रदेश ने 1 मार्च से गेहूं की खरीद शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है जबकि वहां आमतौर पर मार्केटिंग सीजन 1 अप्रैल से आरंभिक होता है।
राज्यों के खाद्य सचिवों के साथ 28 फरवरी को एक मीटिंग बुलाई गई है जिसमें प्रत्येक राज्य इस बात का वितरण प्रस्तुत करेगा कि वह कितनी मात्रा में गेहूं खरीदने में सक्षम हो सकेगा।
खाद्य सचिव के मुताबिक कृषि मंत्रालय ने 1140 लाख टन गेहूं के उत्पादन का जो लक्ष्य रखा है वह इस बार हासिल हो सकता है। यदि अगले 15-20 दिनों तक मौसम की हालत अनुकूल बनी रही तो देश में गेहूं का शानदार उत्पादन होना निश्चित है।
वैसे पिछला अनुभव विश्वसनीय नहीं रहा है। कृषि मंत्रालय ने 2021-22 एवं 2022-23 के रबी सीजन में भी गेहूं की शानदार पैदावार का अनुमान लगाया था मगर वास्तविक उत्पादन उससे बहुत कम हुआ और इसलिए सरकारी खरीद में भी गिरावट आ गई। इसके फलस्वरूप सरकार को गेहूं तथा इसके उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा।