iGrain India - नई दिल्ली । समझा जाता है कि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 28 जून 2023 से गेहूं की बिक्री के लिए जो साप्ताहिक ई-नीलामी शुरू हुई थी वह 1 मार्च 2024 से उत्तरी भारत के लिए बंद की जा सकती है। इस योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 90 लाख टन गेहूं बेचा जा चुका है जिसे मिलर्स- प्रोसेसर्स द्वारा खरीदा गया।
दरअसल उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान सहित कुछ अन्य राज्यों में इस बार केन्द्रीय पूल के लिए गेहूं की खरीद मार्च में ही शुरू होने की संभावना है। प्रचलित नियम के अनुसार नए गेहूं की आवक एवं खरीद शुरू होने से पूर्व ओएमएसएस को बंद कर दिया जाता है।
लेकिन भारत आटा की बिक्री जारी रहेगी जो 27.50 रुपए प्रति किलो के रियायती मूल्य पर उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाया जा रहा है। अगले 4-5 महीनों में 1.50 लाख टन आटा बेचने का लक्ष्य रखा गया है।
नवम्बर 2023 से आरंभ हुई इस योजना के तहत अब तक करीब 35 हजार टन भारत आटा की बिक्री हो चुकी है। भारत आटा के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा सहकारी एजेंसियों को 1715 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं उपलब्ध करवाया जा रहा है।
ये एजेंसियां गेहूं की प्रोसेसिंग एवं आटा की पैकिंग अपने खर्च पर करती है और फिर 27.50 रुपए प्रति किलो की दर से भारत आटा की खुदरा बिक्री करती है।
उत्तर प्रदेश में इस बार 1 मार्च से तथा राजस्थान में 10 मार्च से गेहूं की सरकारी खरीद शुरू करने का निर्णय लिया गया है। अन्य प्रांतों में भी जब नई फसल की आवक शुरू होगी तब खरीद की प्रक्रिया तत्काल आरंभ कर दी जाएगी।
सरकार को अधिक से अधिक मात्रा में गेहूं की खरीद सुनिश्चित करना है। मार्च के प्रथम पखवाड़े से गेहूं की खरीद शुरू होगी और अप्रैल में जोर पकड़ेगी। पंजाब-हरियाणा में 1 अप्रैल से गेहूं की खरीद औपचारिक तौर पर आरंभ होती है।
सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2022-23 सीजन के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2023-24 सीजन के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया है।
घरेलू बाजार में गेहूं का भाव कुछ नरम हुआ है जिससे सरकार को इस वर्ष इसकी भारी खरीद होने की उम्मीद है। उसे यह भी भरोसा है कि खुले बाजार बिक्री योजना के बंद होने के बावजूद गेहूं के दाम में ज्यादा इजाफा नहीं होगा। क्योंकि इसकी अगैती नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। गेहूं पर भंडारण सीमा भी 31 मार्च 2024 तक लागू है।