iGrain India - नई दिल्ली । पिछले अनेक वर्षों से इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) द्वारा सरकार से गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में की जाने वाली वृद्धि के अनुरूप चीनी के न्यूनतम बिक्री (एमएसपी) बढ़ाने पर विचार करेगी क्योंकि अगले मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर 2024-सितम्बर 2025) के लिए गन्ना का एफआरपी 315 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 340 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया है।
खाद्य सचिव के अनुसार चीनी का एमएसपी बढ़ाने की उद्योग की मांग से सरकार अवगत है और इसका कोई ऐसा समाधान निकाले जाने की उम्मीद है जिससे चीनी उद्योग की समस्या दूर हो सके और आम उपभोक्ताओं को भी ज्यादा कठिनाई न हो।
गन्ना का एफआरपी 8 प्रतिशत बढ़ाया गया है जिससे अगले सीजन में चीनी का उत्पादन खर्च बढ़ जाएगा। पिछले साल सरकार ने इसमें महज 3 प्रतिशत का इजाफा किया था।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) भी चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में बढ़ोत्तरी की सिफारिश कर सकता है। इस्मा के अनुसार गन्ना के एफआरपी 340 रुपए प्रति क्विंटल नियत होने से चीनी उत्पादन का लागत खर्च बढ़कर 3900 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचने की संभावना है जबकि इसका न्यूनतम बिक्री मूल्य पिछले कुछ वर्षों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल पर ही बरकरार है।
उल्लेखनीय है कि जून 2018 में सरकार ने चीनी के लिए एमएसपी का प्रचलन शुरू किया था ताकि मिलर्स को कम से कम चीनी का उत्पादन खर्च अवश्य प्राप्त हो सके और उसे गन्ना किसानों के बकाए का सही समय पर भुगतान करने में सहायता मिल सके।
इस्मा की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि गन्ना के एफआरपी में हुई इस बढ़ोत्तरी से करीब 5 करोड़ किसानों को 10,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि का भुगतान प्राप्त होगा जो उसे चीनी मिलों द्वारा किया जाएगा।
गन्ना के एफआरपी में बढ़ोत्तरी की घोषणा नया मार्केटिंग सीजन शुरू होने से करीब आठ माह पहले ही कर दी गई है जिससे उद्योग समीक्षक हैरान हैं। लेकिन चुनावी वर्ष को देखते हुए इस घोषणा को सामान्य निर्णय माना जा सकता है ताकि गन्ना उत्पादकों को खुश किया जा सके।