iGrain India - हैदरबाद । देश के दक्षिणी राज्य- तेलंगाना में सूरजमुखी का खुला बाजार भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आ गया है जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने उत्पादकों से कहा है कि वे निराश-हताश होकर मंडियों में औने-पौने दाम पर अपना माल बेचने का प्रयास न करें क्योंकि सरकार इसकी खरीद के लिए बाजार में हस्तक्षेप करेगी। तेलंगाना के कृषि मंत्री ने कहा है कि राज्य सरकार किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सूरजमुखी की खरीद करने के लिए तैयार है।
सूरजमुखी का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 6750 रुपए प्रति क्विंटल नियत है जबकि इसका बाजार भाव नीचे चल रहा है। कृषि मंत्री के अनुसार टी एस मार्कफेड (तेलंगाना राज्य सहकारी विपणन महासंघ) द्वारा किसानों से सूरजमुखी की खरीफ के लिए आवश्यक उपाय किए जायेंगे।
राष्ट्रीय स्तर पर खरीफ सीजन के दौरान सूरजमुखी का बिजाई क्षेत्र 2022-23 के 1.85 लाख हेक्टेयर से 64 प्रतिशत घटकर 66 हजार हेक्टेयर पर अटक गया।
खरीफ कालीन उत्पादन में गिरावट आने की संभावना को देखते हुए किसानों ने रबी सीजन में क्षेत्रफल बढ़ाने का प्रयास किया क्योंकि उसे आगामी समय में सूरजमुखी का बाजार भाव ऊंचा एवं तेज होने की उम्मीद थी लेकिन अब घटते बाजार भाव को देखते हुए उसे भारी चिंता सताने लगी है। कुछ क्षेत्रों में तो सूरजमुखी का दाम लुढ़ककर 4000 रुपए प्रति क्विंटल से भी नीचे आ गया है। इससे किसानों को घोर निराशा हो रहा है।
राज्य सरकार से दिशा निर्देश प्राप्त होने के बाद मार्कफेड द्वारा विभिन्न उत्पादक क्षेत्रों में क्रय केन्द्र खोला जाएगा। राज्य में इस बार ग्रीष्मकाल के दौरान 17 हजार टन सूरजमुखी का उत्पादन होने का अनुमान है वहां इसका बिजाई क्षेत्र 8650 हेक्टेयर रहा जो सामान्य औसत क्षेत्रफल 7900 हेक्टेयर से अधिक है। 2022-23 में वहां करीब 13 हजार टन सूरजमुखी का उत्पादन हुआ था।