iGrain India - नई दिल्ली । सरसों की नई फसल की आवक शुरू, उत्पादन बढ़ने के बाद बाजार में कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम होने से किसान निराश। इस साल उत्पादन 130-135 लाख पहुंचने की उम्मीद। कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण उत्पादन अधिक बैठना और विदेशों से बड़ी मात्रा में तेलों का आयात होना है।
2022-23 में सरसों का उत्पादन 126.4 मिलियन टन था। सरकार ने इस वर्ष के लिए लक्ष्य 131 लाख टन निर्धारित किया है। बिजाई रकबा 100.44 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया, जो पिछले साल 97.97 लाख हेक्टेयर था। उत्तर प्रदेश में रकबा 32 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 17.6 लाख हेक्टेयर पहुंचा। जबकि राजस्थान में यह थोड़ा कम रहा।
मंडियों मैं आवक में हो रही है वृद्धि। 1-25 फरवरी के दौरान राजस्थान में सरसों की औसत मंडी कीमतें 4,820 प्रति क्विंटल, मध्य प्रदेश में 4,520 प्रति क्विंटल और गुजरात में 4,858 प्रति क्विंटल थीं,
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,650 प्रति क्विंटल से कम है। पिछले वर्ष किसानों में बेहतर उत्पादन की उम्मीद में कम से कम 15-20 प्रतिशत माल बचा कर रखा।
किसानों को फसल के सही दाम मिले इसके लिए आयात शुल्कों में बदलाव करने के साथ-साथ सरसों की सरकारी खरीद शुरू करनीं चाहिए।