iGrain India - मुम्बई । महाराष्ट्र में चीनी मिलों को चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि के लिए लम्बे समय से सरकार के समक्ष ज्ञापन दे रहा है। महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी फैक्ट्रीज़ फेडरेशन लिमिटेड ने कहा कि एफआरपी के अनुरूप एमएसपी नहीं बढ़ने से मिलों की स्थिति गंभीर होती जा रही है।
केंद्र ने हाल ही में 2024-25 सीज़न के लिए गन्ने के एफआरपी में 25 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है, पिछले साल10 रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई थी। चीनी वर्ष 2019 में एमएसपी 3,100 प्रति क्विंटल घोषित की गई थी। गन्ना की FRP हर साल बढ़ाई जा रही है परन्तु MSP में कोई बदलाव नहीं किया गया।
स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए फेडरेशन के अध्यक्ष ने कहा कि एफआरपी में बढ़ोतरी किसानों के लिए स्वागत योग्य है, लेकिन राज्य की अधिकांश मिलें एमएसपी में वृद्धि के बिना बढ़ी हुई एफआरपी का गन्ना भुगतान करने के लिए संघर्ष कर सकती हैं। मिलों को बंद होने से रोकने के लिए एमएसपी में 4,000 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की जरूरत है।
चीनी का कटोरा कहे जाने वाले पश्चिमी महाराष्ट्र में चीनी मिलें किसानों को प्रतिस्पर्धी कीमतें दे रही हैं। इथेनॉल उत्पादन पर प्रतिबंध और कम मांग ने उद्योग की चुनौतियों को बढ़ा दिया है।
मिलर्स का तर्क है कि उच्च एमएसपी से मिलों को बैंकों से अतिरिक्त ऋण प्राप्त करने की अनुमति मिलेगी, क्योंकि चीनी स्टॉक की कीमत बढ़ जाएगी। इसके बदले में किसानों को गन्ना भुगतान करने में मदद मिलेगी।
आगामी चुनावों के कारण सरकार एहतियाती रुख अपना रही है, माना जा रहा है कि इस सीज़न में एमएसपी में बढ़ोतरी की संभावना नहीं है।