iGrain India - औरंगाबाद । महाराष्ट्र में बम्बई हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को एथनॉल की 75 प्रतिशत मूल अनुबंधित मात्रा एवं 100 प्रतिशत संशोधित मात्रा को स्वीकार करने का आदेश दिया है।
दरअसल इस सम्बन्ध में एक चीनी मिल और इसी तरह की अन्य कंपनियों ने 7 दिसम्बर 2023 को सरकार द्वारा जारी उस आदेश को चुनौती देते हुए अदालत में याचिका दाखिल की थी जिसमें तेल विपणन कंपनियों को आपूर्ति हेतु आवश्यक एथनॉल की मात्रा में कटौती कर दी गई थी।
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी गई कि उन्होंने सरकार के साथ पूर्व में हुए समझौते के आधार पर अपनी डिस्टीलरीज के विकास-विस्तार पर भारी रकम का निवेश दिया है और तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) का यह दायित्व है कि वह उस करार के तहत उनके एथनॉल उत्पादन के कम से कम 75 प्रतिशत स्टॉक की खरीद करे।
अदालत ने यचिकाकर्ता तथा ओएमसी के बीच हुए अनुबंधीय करार को मान्यता प्रदान करते हुए इन अनुबंधों के अंदर मौजूद आर्विट्रेशन क्लॉज की उपस्थिति के आधार पर अपना निर्णय सुनाया।
न्यायालय के अनुसार ओएमसी एथनॉल का उठाव घटाने हेतु केन्द्र सरकार के दिशा निर्देशों के तहत काम कर रही है। याचिकाकर्ता ने मूल अनुबंधित मात्रा के आधार पर एथनॉल का निर्माण किया है और अब उसे अधिशेष स्टॉक के भंडारण में कठिनाई हो रही है। चूंकि एथनॉल एक ज्वलनशील पदार्थ है और यदि उचित ढंग से इसे भंडारित नहीं किया गया तो सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो सकता है।
अदालत के आदेश में कहा गया है कि जिस तिथि को ओएमसी द्वारा एथनॉल कंपनियों को संशोधित मात्रा के बारे में जानकारी दी गई तब तक उसे 75 प्रतिशत की खरीद करनी होगी और सूचना देने के बाद संशोधित मात्रा की 100 प्रतिशत खरीद करनी पड़ेगी। इससे एथनॉल निर्माताओं को नुकसान से बचने में सहायता मिलेगी।