iGrain India - नई दिल्ली । विभिन्न राज्यों से प्राप्त इनपुट के आधार पर केन्द्र सरकार ने 2024 के रबी मार्केटिंग सीजन के लिए 350 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है जो सरकार द्वारा अनुमानित 1140 लाख टन के रिकॉर्ड उत्पादन को देखते हुए काफी छोटा प्रतीत है।
दरअसल पिछले दो साल के दौरान हुई कम खरीद को देखते हुए सरकार ने इस बार लक्ष्य को व्यावहारिक स्तर पर रखने का प्रयास किया है। वरिष्ठ अधिकारी सूत्रों के अनुसार 28 फरवरी को राज्यों के खाद्य सचिवों की एक महत्वपूर्ण मीटिंग में जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए उसके आधार पर गेहूं की खरीद का लक्ष्य 367 लाख टन बैठ रहा था लेकिन केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने इसमें 17 लाख टन की कटौती कर दी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2023 के रबी मार्केटिंग सीजन में 341.50 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जबकि वास्तविक खरीद 262 लाख टन पर ही सिमट गई थी।
उससे पूर्व वर्ष 2022 में महज 188 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद संभव हो सकी थी जबकि मूल रूप से 444 लाख टन की खरीद का लक्ष्य नियत हुआ था। बाद में खाद्य मंत्रालय ने कहा था कि उत्पादन में गिरावट आने से खरीद घट गई।
ध्यान देने की बात है कि उद्योग-व्यापार क्षेत्र बार-बार कहता रहा कि गेहूं का सरकारी उत्पादन अनुमान वास्तविक पैदावार से काफी ऊंचा है मगर कृषि मंत्रालय अपने आंकड़ों पर अडिग रहा।
इसका परिणाम यह हुआ कि घरेलू बाजार में गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता काफी घट गई और कीमतों में भारी तेजी आ गई। अंततः वर्ष 2022 में सरकार को गेहूं एवं इसके उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना पड़ा।
28 फरवरी को आयोजित बैठक में पंजाब तथा उत्तर प्रदेश को छोड़कर कोई अन्य इस बात से आश्वस्त नहीं था कि गेहूं की खरीद तीन वर्ष पूर्व के शीर्ष स्तर पर पहुंच सकती है। उस समय 433.40 लाख टन गेहूं की रिकॉर्ड सरकारी खरीद हुई थी।