iGrain India - नई दिल्ली । भारत ब्रांड नाम के तहत आटा, चावल एवं चना दाल की खुदरा बिक्री पहले से ही हो रही है जिसमें अब मसूर दाल को भी शामिल करने पर विचार हो रहा है। सरकार के पास मसूर का भारी-भरकम स्टॉक पड़ा हुआ है जिसे वह बाजार में उतारना चाहती है।
अगले महीने से इसकी नई घरेलू फसल आने लगेगी जबकि विदेशों से भारी मात्रा में इसका आयात भी जारी है। लेकिन मसूर दाल की बिक्री बाजार भाव पर हो सकती है।
वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अखिल भारतीय स्तर पर मसूर दाल का औसत खुदरा मूल्य 93.50 रुपए प्रति किलो चल रहा है और किसी रियायत के बगैर भारत ब्रांड की मसूर दाल का दाम 89 रुपए प्रति किलो के आसपास बैठेगा।
ध्यान देने की बात है कि आमतौर पर भारत ब्रांड के उत्पादों पर सरकार भारी रियायत देती है ताकि घरेलू बाजार में उसकी कीमतों को नियंत्रित किया जा सके।
सरकारी गोदामों में मसूर का विशाल स्टॉक मौजूद है और खाद्य महंगाई भी कुछ हद तक नियंत्रित हुई है। अब सरकार मसूर दाल की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ाने पर जोर देना चाहती है।
प्रथम चरण के दौरान दो सरकारी एजेंसियों- नैफ़ेड तथा एनसीसीएफ द्वारा 25 हजार टन मसूर की प्रोसेसिंग एवं मसूर दाल की पैकिंग की जाएगी और समूचे देश में केन्द्रीय भंडार के माध्यम से इसका वितरण (विक्रय) किया जाएगा।
मसूर दाल की बिक्री मार्च के प्रथम सप्ताह से आरंभ होने की संभावना है और इस बीच सभी तौर-तरीकों का निर्धारण कर लिया जाएगा। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार यद्यपि मसूर दाल का भाव अत्यन्त ऊंचा नहीं है लेकिन फिर भी सरकार ने दालों का बास्केट बढ़ा करने के लिए इसकी बिक्री शुरू करने का निर्णय लिया है।
लेकिन इसके दाम में कोई खास रियायत नहीं दी जाएगी। सरकार के पास लगभग 7.20 लाख टन मसूर का स्टॉक मौजूद है जिसमें से अधिकांश माल पीएसएफ योजना के तहत खरीदा गया था। मसूर दाल 1 किलो के पैक में उपलब्ध करवाया जाएगा।