iGrain India - नई दिल्ली । स्वदेशी वनस्पति तेल उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र के एक अग्रणी संगठन- सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ (सी) ने केन्द्र सरकार से राइस ब्रान एक्सट्रैक्शन के 31 मार्च 2024 से आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह किया है।
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा पशु पालन मंत्री को प्रेषित ज्ञापन में एसोसिएशन ने कहा है कि विदेश में डि ऑयल्ड राइस ब्रान के कुल उत्पादन के महज 6 प्रतिशत का ही निर्यात होता है फिर भी सरकार ने इस पर पाबंदी लगा रखी है।
इससे भारतीय प्रोसेसर्स एवं निर्यातकों के साथ-साथ धान उत्पादक किसानों का हित भी प्रभावित हो रहा है। उन्हें अपने उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है।
राइस ब्रान के निर्यात से उद्योग को फायदा हो रहा था और इसके स्टॉक निस्तारण में मदद मिल रही थी। सरकार ने पहले 28 जुलाई 2023 को एक अधिसूचना जारी करके 30 नवम्बर 2023 तक के लिए इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया और फिर 8 दिसम्बर को जारी एक आधिसूचना में प्रतिबंध की अवधि को 31 मार्च 2024 तक बढ़ाने की घोषणा कर दी।
एसोसिएशन के अनुसार राइस ब्रान एक्सट्रैक्शन के निर्यात से कई फायदे हो रहे थे और देश को बहुमूल्य विदेशी मुद्रा की प्राप्त हो रही थी। इससे राइस ब्रान की निरंतर प्रोसेसिंग होती थी, प्रोसेसर्स को अपनी क्षमता के बेहतर उपयोग का मौका मिल रहा था तेल की नियमित उपलब्धता बनी रहती थी और रोजगार में वृद्धि होती थी।
भारतीय उद्यमियों एवं निर्यातकों ने पिछले करीब तीन दशकों से निरन्तर कठिन परिश्रम एवं निरन्तर प्रयास के बाद राइस ब्रान एक्सट्रैक्शन का अच्छा खासा निर्यात बाजार विकसित कर लिया था और वियतनाम,
थाईलैंड तथा बांग्ला देश सहित कई अन्य एशियाई देशों में इसका सफलता पूर्वक निर्यात भी हो रहा था लेकिन अकस्मात सरकार द्वारा प्रतिबंध की घोषणा किए जाने से एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता देश के रूप में भारत की प्रतिष्ठा को गहरा आघात लगा।