iGrain India - नई दिल्ली। प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में नई सरसों की आपूर्ति बढ़ने लगी है और व्यापारियों तथा तेल मिलर्स की लिवाली के अनुरूप इसकी कीमतों में 23-29 फरवरी वाले सप्ताह के दौरान कुल उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया। केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने चालू रबी सीजन में 127 लाख टन सरसों के घरेलू उत्पादन का अनुमान लगाया है जो पिछले सीजन से कुछ ज्यादा है। सरसों का रकबा तो गत वर्ष के 49 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 100.4 लाख हेक्टेयर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा मगर इसके अनुरूप उत्पादन में बढ़ोत्तरी की संभावना नहीं है। सरसों का भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे चल रहा है।
42% कंडीशन सरसों
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का भाव दिल्ली में 50 रुपए सुधरकर 5400 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा जबकि जयपुर में 5375/5400 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा। लूज सरसों का दाम हरियाणा के आदमपुर, चरखी दादरी में नरम रहा मगर सिरसा में 200 रुपए तेज होकर 4900/5200 रुपए प्रति क्विंटल हो गया।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश की मुरैना मंडी में यह 200 रुपए घटकर 4400/4800 रुपए प्रति क्विंटल तथा ग्वालियर में 100 रुपए गिरकर 4500/5000 रुपए प्रति क्विंटल रह गया।
राजस्थान
सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान में सरसों की कीमतों में 100-200 रुपए तक की नरमी देखी गई। रायसिंह नगर में 225 रुपए तथा नागौर में 200 रुपए की गिरावट दर्ज की गई। लेकिन उत्तर प्रदेश में सरसों का दाम हापुड़ में 125 रुपए बढ़कर 5575 रुपए प्रति क्विंटल तथा आगरा में नई सरसों का भाव 50 रुपए सुधरकर 5750 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा।
सरसों तेल
सरसों तेल के दाम में भी उतार-चढ़ाव रहा। दिल्ली, चरखी दादरी, मुरैना, गंगानगर एवं जयपुर आदि में यह 5 से 20 रुपए तक तेज रहा मगर भरतपुर में 20 रुपए तथा बीकानेर में 10 रुपए कमजोर पड़ गया। कोलकता में भाव 10 रुपए मजबूत हुआ।
आवक
प्रमुख उत्पादक राज्यों की महत्वपूर्ण मंडियों में सरसों की आवक 23 फरवरी को 5.25 लाख बोरी, 24 फरवरी को 5.50 लाख बोरी, 26 फरवरी को 5.85 लाख बोरी, 27 फरवरी को 6.25 लाख बोरी, 28 फरवरी को 6.50 लाख बोरी एवं 29 फरवरी को 6.90 लाख बोरी दर्ज की गई।