iGrain India - नई दिल्ली । सरकार द्वारा फरवरी माह के लिए 22 लाख टन चीनी का फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा नियत किया गया था जिसका कुछ भाग अनबिका रह गया। फरवरी में बाजार भी आमतौर पर नरम रहा। अब मार्च के लिए फ्री सेल कोटा 1.50 लाख टन बढ़ाकर 23.50 लाख टन निर्धारित किया गया है जबकि तापमान लगभग सामान्य रहने की संभावना है। चीनी के घरेलू उत्पादन की स्थिति पहले से कुछ बेहतर नजर आ रही है। व्यापारियों द्वारा फरवरी कोटे की बची हुई चीनी की बिक्री के लिए सरकार से दो सप्ताह का समय देने का आग्रह किया गया है।
मिल डिलीवरी भाव
24 फरवरी से 1 मार्च वाले सप्ताह के दौरान चीनी का मिल डिलीवरी भाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 50 रुपए तथा पंजाब में 10 रुपए नरम रहा जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में 30 रुपए बिहार में 40 रुपए एवं मध्य प्रदेश में 90 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गया।
गुजरात
गुजरात में चीनी का भाव स्थिर या नरम देखा गया। हाजिर बाजार में भी बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं रहा। दिल्ली में चीनी का दाम 4000/4050 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर रहा। इंदौर में भी चीनी के हाजिर मूल्य में कोई बदलाव नहीं देखा गया लेकिन छत्तीसगढ़ के रायपुर मार्केट में 20-25 रुपए नरम पड़ गया।
मुम्बई
मुम्बई (वाशी) मार्केट में चीनी की कीमतों में स्थिरता देखी गई और इसका नाका पोर्ट डिलीवरी मूल्य भी पूर्व स्तर पर बरकरार रहा लेकिन महाराष्ट्र में चीनी का टेंडर मूल्य एसएस ग्रेड के लिए 55 रुपए घटकर 3390/3425 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। कर्नाटक में चीनी के टेंडर मूल्य में 25 रुपए का सुधार दर्ज किया गया।
उत्पादन
चीनी का घरेलू उत्पादन 314 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है जो पिछले सीजन के उत्पादन 331 लाख टन से कम है। सरकार चीनी की कीमतों को नियंत्रित करने का भरपूर प्रयास कर रही है और इसे उसे कुछ हद तक सफलता भी मिली है। महाराष्ट्र में गन्ना की कटाई की गति धीमी है क्योंकि कटर मशीन का अभाव है। उत्तर प्रदेश में चीनी के साथ-साथ गुड़ का भी अच्छा उत्पादन हो रहा है। मार्च में चीनी की औद्योगिक मांग बेहतर रहने की उम्मीद है।