iGrain India - नई दिल्ली । प्रतिकूल मौसम एवं प्राकृतिक आपदाओं से इस बार रबी फसलें काफी हद तक बची हुई थीं लेकिन 2-3 मार्च को अचानक अत्यन्त तेज हवा के साथ बारिश होने तथा कुछ इलाकों में बर्फ (ओला) गिरने से हरियाणा में खासकर गेहूं एवं सरसों की फसल क्षतिग्रस्त हो गई।
उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भी नुकसान की खबर मिल रही है। कई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हुई और तेज हवा ने फसलों को जमीन पर गिरा दिया। इसके ऊपर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई। कई इलाकों में फसल को 70 प्रतिशत तक नुकसान होने की खबर मिल रही है।
ध्यान देने की बात है कि सरसों की फसल पक रही है और इसकी कटाई-तैयारी भी पहले ही आरंभ हो चुकी है। इस बारिश एवं ओलावृष्टि से दाने में नरमी का अंश बढ़ गया है।
समझा जाता है कि सरसों की फसल को हरियाणा में अधिक हानि हुई है। ज्ञात हो कि जब फसल पकने के चरण में होती है तब ओलवृष्टि को नहीं झेल पाती है इसलिए इसे ज्यादा नुकसान होता है। आंधी बारिश से गेहूं की फसल भी क्षतिग्रस्त हुई है।
जानकारों का कहना है कि 2-3 मार्च को जितनी अधिक ओलावृष्टि हुई उतनी पिछले कई दशकों में नहीं हुई थी। मोटे अनुमान के अनुसार कई क्षेत्रों में सरसों की कटी हुई फसल को 70 प्रतिशत एवं खड़ी फसल को 50 प्रतिशत नुकसान हुआ है।
हरियाणा के रोहतक, सोनीपत, हिसार, अम्बाला, चरखी दादरी, करनाल, जींद, करुक्षेत्र, पानीपत फतेहाबाद एवं भिवानी जिलों में इन प्राकृतिक आपदाओं का विशेष प्रकोप देखा गया पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता से ये हालात पैदा हुए हैं उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ एवं आसपास के जिलों में इन मौसमी कारणों से फसलों को क्षति हुई है।