iGrain India - मुम्बई । सहकारी चीनी मिलों से शीर्ष संगठन- नेशनल फेडरशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लि० के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन के शुरूआती पांच महीनों में यानी अक्टूबर 2023 से फरवरी 2024 के दौरान देश में कुल 254.70 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ जो 2022-23 सीजन की समान अवधि के उत्पादन 259.05 लाख टन से कुछ कम रहा। इस बार 533 चीनी मिलों में गन्ना की क्रशिंग हुई और कुल 2559.64 लाख टन गन्ना की पेराई की गई।
इसमें से 71 इकाइयां अब बंद हो चुकी है जबकि 462 मिलों में गन्ना की क्रशिंग चालू है। इसके मुकाबले 2022-23 के सीजन में कुल 534 इकाइयों में गन्ना की पेराई शुरू हुई थी और 29 फरवरी 2023 तक 93 मिलें बंद हो चुकी थीं। पिछले सीजन में उक्त अवधि तक 2655.28 लाख टन गन्ना की क्रशिंग हुई थी।
दिलचस्प तथ्य यह है कि राष्ट्रीय स्तर पर गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर पिछले सीजन की तुलना में इस बार कुछ ऊंची देखी जा रही है। 2022-23 के सीजन में यह दर 9.76 प्रतिशत रही थी जो इस बार सुधरकर 9.95 प्रतिशत हो गई।
महाराष्ट्र फिलहाल चीनी के उत्पादन में सबसे आगे चल रहा है। वहां अभी तक 90.90 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि उत्तर प्रदेश में 78.95 लाख टन का उत्पादन हुआ है और वह दूसरे स्थान पर बरकरार है। कर्नाटक में चीनी का उत्पादन इस बार 45.70 लाख टन तक ही पहुंचा है जो पिछले सीजन के 51.20 लाख टन से काफी कम है।
फेडरेशन के अनुसार उपरोक्त तीन शीर्ष उत्पादक प्रांतों के अलावा देश में गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, राजस्थान एवं उड़ीसा में भी चीनी का उत्पादन होता है। सभी राज्यों में गन्ना की क्रशिंग अभी जारी है।
2023-24 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन के दौरान देश में करीब 314 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया जा रहा है जो गत वर्ष के 331 लाख टन से कम है।