iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने देश के ईंधन मिश्रण कार्यक्रम के लिए एथनॉल निर्माण में मक्का का इस्तेमाल बढ़ाने तथा अगले पांच वर्षों में इस महत्वपूर्ण मोटे अनाज के उत्पादन में करीब 10 गुणा की बढ़ोत्तरी करने का महत्वाकांक्षी प्लान तैयार किया है।
सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मक्का की खरीद करके एथनॉल निर्माताओं को उसकी आपूर्ति करने की एक स्कीम पर भी हस्ताक्षर लिया है।
चावल और गेहूं के बाद मक्का का ही सर्वाधिक घरेलू उत्पादन होता है और इसे रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यन्त महत्वपूर्ण मोटा अनाज माना जाता है। मक्का का उपयोग सामान्य मानवीय खाद्य उद्देश्य के साथ-साथ पशु आहार, पॉल्ट्री फीड तथा स्टार्च निर्माण उद्योग में भी बड़े पैमाने पर होता है
जबकि अब एथनॉल निर्माण में इसका भारी इस्तेमाल होने की संभावना है। सरकार ने मक्का के उत्पादन में नियमित वृद्धि को जारी रखने हेतु 29.51 करोड़ रुपए की एक नई रिसर्च परियोजना को मंजूरी दी है।
5 जून 2021 को प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक एथनॉल का पेट्रोल में मिश्रण बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक पहुंचाने के लक्ष्य की घोषणा की थी लेकिन शीरा से एथनॉल के सीमित उत्पादन को देखते हुए अब मक्का से इसका उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
सरकार ने एथनॉल निर्माण उद्योग के निकटवर्ती क्षेत्रों में मक्का का उत्पादन बढ़ाने हेतु भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान के लिए 15.46 करोड़ रुपए आवंटित किया है।
यह संस्थान देश के 16 राज्यों में 78 जिलों के 15 बेंचमेंट एरिया में मक्का की सर्वोत्तम खेती की प्रक्रिया शुरू करेगा और हाइब्रिड बीज के विकास पर ध्यान देगा।