iGrain India - नई दिल्ली। कुछ प्रीमियम क्वालिटी के बासमती चावल का निर्यात ऑफर मूल्य 1300 डॉलर प्रति टन से गिरकर 1200 डॉलर प्रति टन रह गया है लेकिन भारतीय निर्यातकों के मार्जिन पर इसका असर पड़ने की सम्भावना नहीं है क्योंकि घरेलू मंडियों में अक्टूबर-नवम्बर 2023 के मुकाबले अब बासमती धान के दाम में भी नरमी देखी जा रही है। निर्यातकों का कहना है कि निर्यात के लिए अधिकांश अनुबंध पहले ही ऊंचे दाम पर हो चुके हैं। वैश्विक बाजार में जब चावल की आपूर्ति में इजराइल-हमास युद्ध के कारण बाधा पड़ने की आशंका उत्पन्न हो गयी थी तब पश्चिम एशिया के देशों ने भारत से भारी मात्रा में बासमती चावल के आयात का सौदा किया था। इस समय चावल का भाव काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा था।
सरकारी एजेंसी - एपीडा के आकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 की तुलना में अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के दौरान बासमती चावल का निर्यात 36.60 लाख टन से 12.3 प्रतिशत बढ़कर 41.10 लाख टन पर पहुंच गया। इसकी निर्यात आय भी समीक्षाधीन अवधि में 3.82 अरब डॉलर से उछलकर 4.59 अरब डॉलर पर पहुंची और इस तरह इसमें 20.2 प्रतिशत की शानदार बढ़ोत्तरी हुई। सऊदी अरब तथा इराक जैसे देशों में भारतीय बासमती चावल की काफी मजबूत मांग कमी रही। इसका औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य अप्रैल 2023-जनवरी 2024 के दौरना बढ़कर 1120 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया जो 2022-23 में 1045 डॉलर प्रति टन रहा था।
अक्टूबर-दिसंबर 2022 में बासमती धान का भाव 2023 की समानअवधि के मुकाबले काफी नीचे चल रहा था। निर्यातकों के मुताबिक चावल के निर्यात ऑफर मूल्य में 10 प्रतिशत से कम का इजाफा हुआ है जबकि बासमती धान की कीमतों में 20-25 प्रतिशत तक की तेजी आ गयी। पंजाब में नवम्बर 2023 के दौरान 1509 धान का भाव 3200-3600 रुपए प्रति क्विंटल तथा 1718 का दाम 3800 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा था।