iGrain India - भोपाल। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के कई जिलों और खासकर सिहोर में तेज हवा के साथ हुई बेमौसमी वर्षा तथा ओलावृष्टि के कारण शरबती गेहूं के दाने की क्वालिटी प्रभावित होने की आशंका है। तेज हवा और ओलावृष्टि के प्रकोप से गेहूं के पौधे जमीन पर बिछ गये और उसकी बालियां पानी या कीचड़ में धंस गयी। यदि लम्बे समय तक वहां जाएगा। गहनु की जिस फसल को काटकर खेतों-खलिहानों में रखा गया था। उसे भी इस प्रकृति आपदा से क्षति होने की आशंका है। उल्लेखनीय है कि सीहोर जिले में उच्च कोटि के शरबती गहनु का उत्पादन होता है जिसकी सोने जैसे पीली चमक होती है और इसका स्वाद भी बेहतर होता है इसलिए देश भर में इसकी भारी मांग रही है।
ओलावृष्टि से गेहूं का दाना छोटा रह सकता है और फसल की उपज दर पर असर पड़ेगा। इससे किसानों की चिता बढ़ गयी है। इस शरबती गेहूं की आपूर्ति देश के कई राज्यों में की जाती है। वर्षा एवं ओलावृष्टि के कारण गेहूं के दाने में नमी का अंश बढ़ गया है जो इसकी गुणवत्ता को खराब कर सकता है। किसानों ने सरकार से तत्काल सर्वे करवाने तथा मुआवजा राशि के साथ बीमा राशि भी प्रदान करने की मांग की है।
मध्य प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में भी वर्षा एवं ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान होने की सूचना मिल रही है। इस बार फरवरी का महीना ज्यादा गर्म नहीं होने से गेहूं के बेहतर उत्पादन की उम्मीद की जा रही थी मगर अब कहीं-कहीं पैदावार कम होने की आशंका बढ़ गयी है।