iGrain India - नई दिल्ली । गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन की प्रक्रिया अभी जारी है। चीनी का उत्पादन गत सीजन से कुछ ही सीधे चल रहा है। पहले इसमें भारी गिरावट आने की आशंका व्यक्त की जा रही थी लेकिन अभी तक जो संकेत मिले हैं उससे पता चलता है कि कुछ वास्तविक उत्पादन पिछले सीजन के काफी करीब रह सकता है।
इस्मा ने शीर्ष उद्योग संस्था- इस्मा ने 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान देश में कुल 340 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया है जिसमें से 17 लाख टन का उपयोग एथनॉल निर्माण में होगा और शेष 323 लाख टन चीनी खाद्य उद्देश्य के लिए मौजूद रहेगी।
इसके मुकाबले 2022-23 के मार्केटिंग सीजन में कुल 366.20 लाख टन चीनी का उत्पादन आंका गया था जिसमें से 38 लाख टन का इस्तेमाल एथनॉल निर्माण में हुआ और शेष 328.20 लाख टन चीनी का स्टॉक खाद्य उद्देश्य के लिए मौजूद रहा।
इस्मा के अनुसार 2022-23 की समान अवधि के मुकाबले 1 अक्टूबर 2023 से 15 मार्च 2024 के दौरान उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन 79.63 लाख टन से बढ़कर 88.40 लाख टन पर पहुंचा मगर महराष्ट्र में 101.92 लाख टन से गिरकर 100.50 लाख टन, कर्नाटक में 53.50 लाख टन से घटकर 47.55 लाख टन तथा देश के अन्य राज्यों में 47.55 लाख टन से फिसलकर 44.34 लाख टन पर सिमट गया। राष्ट्रीय स्तर पर चीनी का उत्पादन 2022-23 सीजन के 282.60 लाख टन से गिरकर 2023-24 के चालू सीजन में 280.80 लाख टन रह गया है।
यदि चालू सीजन में 323 लाख टन चीनी का वास्तविक उत्पादन होता है तो देश में इसका अभाव महसूस नहीं होगा क्योंकि लगभग 57 लाख टन के पिछला बकाया स्टॉक के साथ इसकी कुल उपलब्धता 380 लाख टन पर पहुंच सकती है।
इसमें से करीब 280 लाख टन की घरेलू खपत होगी। निर्यात पर पहले से ही प्रतिबंध लगा हुआ है। इसे देखते हुए चीनी का स्टॉक काफी हद तक सुविधाजनक स्तर पर बरकरार रह सकता है।