iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार द्वारा भारत ब्रांड नाम के तहत सस्ते चावल की बिक्री शुरू किए जाने तथा व्यापारियों-स्टॉकिस्टों को प्रत्येक सप्ताह अपने स्टॉक का खुलासा करने का आदेश दिए जाने से सामान्य या गैर बासमती चावल का भाव नरम पड़ गया है।
पिछले एक माह के दौरान इसके दाम में करीब 10 प्रतिशत की गिरावट आ गई। सरकार देश में सर्वाधिक खपत वाले खाद्यान्न चावल की जमाखोरी रोकने के लिए कदम उठा रही है।
व्यापारियों में यह आम धारणा बन रही है कि आम चुनाव से पूर्व सरकार चावल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कुछ और सख्त कदम उठा सकती है। जब तक चुनाव परिणामों की घोषणा हो जाती है तब तक निर्यातकों में ढील या रियायत दिए जाने की कोई संभावना नहीं है।
एक निर्यातक फर्म के अनुसार सरकार ने चावल उद्योग के सभी सम्बद्ध पक्षों को प्रत्येक शुक्रवार को अपने पास उपलब्ध चावल एवं धान के स्टॉक की घोषणा करने के लिए कहा है और दूसरी ओर सस्ते दाम पर भारत चावल की बिक्री भी आरंभ कर दी है।
इससे बाजार में नरमी का वातावरण बनने लगा। पिछले एक वर्ष के दौरान गैर-बासमती चावल के खुदरा मूल्य में 15 प्रतिशत का इजाफा हो गया था।
सरकार ने पहले गैर बासमती सफेद चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगाया और फिर सेला चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू कर दिया। यह निर्णय गत वर्ष जुलाई-अगस्त में लिया गया था।
इसके बाद फरवरी 2024 में भारत चावल की खुदरा बिक्री शुरू की गई जिसका दाम 29 रुपए प्रति किलो नियत किया गया। नैफेड, एनसीसीएफ एवं केन्द्रीय भंडार के माध्यम से इसकी बिक्री 5 किलो एवं 10 किलो के पैकेट में की जा रही है।
कहीं-कहीं रिलायंस (NS:RELI) स्टोर्स (जियो मार्ट) पर भी यह उपलब्ध है जबकि आगामी समय में अमेजन एवं फ्लिपकार्ट के माध्यम से भी इसकी बिक्री शुरू होने की संभावना है।