iGrain India - नई दिल्ली । चालू वित्त वर्ष के आरंभिक नौ महीनों में यानी अप्रैल-दिसम्बर 2023 के दौरान भारत से करीब 35.40 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ जिसमें से 58.43 प्रतिशत भाग का शिपमेंट पांच शीर्ष आयातक देशों को किया गया।
इसी तरह बासमती चावल की कुल निर्यात आय में इन देशों का योगदान 57.72 प्रतिशत रहा। सऊदी अरब इस अवधि में बासमती चावल का सबसे बड़ा खरीदार रहा जिसने 78 करोड़ डॉलर मूल्य के 6.75 टन का आयात किया।
इराक दूसरे नम्बर पर रहा जिसने 54.40 करोड़ डॉलर मूल्य के 5.01 लाख टन भारतीय बासमती चावल का आयात किया। ईरान में यद्यपि 5.16 लाख टन बासमती चावल का निर्यात हुआ जो इराक से 15 हजार टन ज्यादा रहा मगर वहां से प्राप्त निर्यात आय 51.90 करोड़ डॉलर तक ही पहुंच सकी।
दिलचस्प तथ्य यह है कि भारतीय बासमती चावल के आयात में अमरीका ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को पीछे छोड़कर चौथा स्थान हासिल कर लिया। उसने अप्रैल-दिसम्बर 2023 के दौरान भारत से 22.80 करोड़ डॉलर मूल्य के 1.75 लाख टन बासमती चावल मंगाया।
यह देखना दिलचस्प होगा कि चालू वित्त वर्ष के निर्यात का जब अंतिम आंकड़ा सामने आएगा तब अमरीका शीर्ष पांच आयातक देशों की सूची में शामिल रहता है या नहीं। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान अमरीका भारतीय बासमती चावल का छटा सबसे प्रमुख आयातक देश रहा था।
मध्य-पूर्व एशिया एवं खाड़ी क्षेत्र के कई अन्य देशों में भी भारत से अच्छी मात्रा में बासमती चावल का निर्यात होता है जिसमें ओमान, बहरीन, कतर, कुवैत आदि शामिल हैं। यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद ब्रिटेन में भी भारतीय बासमती चावल का निरयत बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं।
चालू वित्त वर्ष में बासमती चावल का फ्री ऑन बोर्ड औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य पिछले साल से काफी ऊंचा है इसलिए निर्यात आय में भारी वृद्धि हो रही है। लेकिन रमजान के बाद बासमती चावल के निर्यात की गति कुछ धीमी पड़ सकती है।