iGrain India - नई दिल्ली । व्हीट प्रोडक्ट्स प्रमोशन सोसायटी (डब्ल्यू पीपी एस)द्वारा आयोजित दो दिवसीय ग्लोबल सीईओ कॉनक्लेव में गेहूं क्षेत्र के भविष्य के लिए एक व्यापक, समेकित एक स्पष्ट रोडमैप तैयारी करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए इनोवेशन एवं निरंतरता बनाए रखने का सुझाव दिया गया।
इस महत्वपूर्ण एवं उपयोगी कांफ्रेंस में भाग लेने के लिए 450 प्रतिभागियों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया तह और दुनिया के 15 से अधिक देशों के प्रतिनिधि इस कार्यकर्म में सम्मिलित हुए जिसमें अमरीका, कनाडा, तुर्की, रूस, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया तथा यूरोपीय संघ के सदस्य देश भी शामिल थे।
इस कॉनक्लेव में नवसृजन एवं निरंतरता के साथ पारस्परिक सहयोग की जरूरत पर बल दिया गया। डब्ल्यू पीपी एस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि कॉनक्लेव में दिए गए सुझावों एवं सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए गेहूं उद्योग के सभी सम्बद्ध पक्ष ग्लोबल सेक्टर के लिए एक समृद्ध एवं सुरक्षित भविष्य का निर्माण सुनिश्चित करने हेतु आपस में मिलकर काम कर सकते हैं जिससे समस्त संसार के उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के साथ-साथ पर्यावरण को भी फायदा होगा।
बयान के अनुसार चूंकि गेहूं उद्योग लगातार आगे बढ़ रहा है इसलिए नई दिल्ली में आयोजित कॉनक्लेव में रखे गए विचार तथा विशेषज्ञों-विश्लेषकों द्वारा दिए गए सुझव इस क्षेत्र के भविष्य के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभाएंगे और विजन 2030 के लिए नियत लक्ष्य को हासिल करने में मददगार साबित होंगे / उल्लेखनीय है कि इस कॉनक्लेव में जो देश शामिल हुए थे वे गेहूं के सकल वैश्विक निर्यात में लगभग 90 प्रतिशत का योगदान देते हैं इसमें रूस, अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा एवं यूक्रेन जैसे श्रीश निर्यातक देश शामिल हैं।
वर्ष 2027 तक गेहूं का वैश्विक बाजार बढ़कर 258.70 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है लेकिन कई देशों को जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग सहित कुछ अन्य चुनौतियों तथा मांग में उतार-चढ़ाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।