iGrain India - ब्यूनस आयर्स । लैटिन अमरीकी देश- अर्जेन्टीना में किसानों ने पिछले महीने सोयाबीन की व्यावसायिक बिक्री में बहुत कम दिलचस्पी दिखाई क्योंकि अनौपचारिक एक्सचेंज मार्केट में पेसो (अर्जेन्टीना की मुदा) कमजोर पड़ गया।
इससे किसानों को अपने तिलहन का स्टॉक रोकने के लिए विवश होना पड़ा। अर्जेन्टीना के क्रशिंग एवं निर्यात चैम्बर के अनुसार मई के मुकाबले जून में सोयाबीन की बिक्री में करीब 45 प्रतिशत की भारी गिरावट आ गई।
उल्लेखनीय है कि अर्जेण्टियन दुनिया में सोयाबीन का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक एवं निर्यातक देश है जबकि सोया तेल एवं सोयामील के सबसे प्रमुख निर्यातक के तौर पर अपना दर्जा बरकरार रखने के लिए उसे ब्राजील से कठिन प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
जून माह में क्रशिंग प्रोसेसिंग इकाइयों को पर्याप्त मात्रा में कच्चा माल (सोयाबीन) प्राप्त नहीं होने से सोया तेल एवं सोयामील का उत्पादन घट गया जिससे इसका निर्यात आंशिक रूप से प्रभावित होने की संभावना है।
मालूम हो कि भारत में सोयाबीन तेल का सर्वाधिक आयात अर्जेन्टीना से ही होता है। जुलाई में अर्जन्टीना से सोया तेल का निर्यात घट सकता है।
चैम्बर के अनुसार जून 2024 में अर्जेन्टीना के किसानों द्वारा केवल करीब 38 लाख टन सोयाबीन की बिक्री की गई जो मई की तुलना में बहुत कम रही।
मई में बिक्री अधिक होने का एक कारण यह भी था कि किसानों को गेहूं की खेती के लिए धान की जरूरत थी और इसका उपार्जन सोयाबीन को बिक्री से हो सकता था।
अर्जेन्टीना अभी भयंकर आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। वहां विदेशी मुद्रा का भंडार काफी घट गया है और सरकार सोया उत्पादकों के निर्यात से विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ाना चाहती है। लेकिन इसमें कुछ अड़चन आ रही है।