iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 के रबी मार्केटिंग सीजन में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा 266 लाख टन गेहूं की खरीद की गई।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर हुई इस खरीद से 22 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए जिसके बैंक खाते में 61 लाख करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया।
आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर 1.29 करोड़ किसानों से धान और गेहूं की खरीद की गई जिसके एवज में 2.30 लाख करोड़ रुपए से आशिक राशि का भुगतान किया गया। गेहूं की सरकारी खरीद अब बंद हो चुकी है।
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2023 के रबी मार्केटिंग सीजन में एफसीआई द्वारा 262 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2023 के 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 150 रुपए बढ़ाकर 2024 में 2275 रुपये प्रति क्विंटल नियत किया गया।
आमतौर पर गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से आरंभ होती है लेकिन किसानों की सुविधा के लिए खरीद की प्रक्रिया करीब एक पखवाड़ा पहले ही शुरू कर दी गई।
इससे किसानों के हितोँ की सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता एवं सबके लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के संकल्प का स्पष्ट संकेत मिलता है। वर्ष 2022 के रबी मार्केटिंग सीजन के दौरान केन्द्रीय पूल के लिए केवल 188 लाख टन गेहूं खरीदा जा सका था।
पिछले साल की तुलना में चालू वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में गेहूं की सरकारी खरीद में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई। समीक्षाधीन अवधि के दौरान गेहूं की खरीद उत्तर प्रदेश में 2.20 लाख टन से उछलकर 9.31 लाख टन तथा राजस्थान में 4.38 लाख लाख टन से बढ़कर 12.06 लाख टन पर पहुंच गई।
पंजाब-हरियाणा में भी गेहूं की खरीद बेहतर ढंग से हुई। अच्छी मात्रा में गेहूं की खरीद होने से भारतीय खाद्य निगम को सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में खाद्यान्न की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने में सहायता मिल रही है और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना सहित अन्य कल्याणकारी स्कीमों के तहत वितरण के लिए आवश्यक करीब 184 लाख टन गेहूं के स्टॉक की निकासी करने में कठिनाई नहीं होगी।