iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर एक करो से अधिक किसानों से केन्द्रीय पूल के लिए भारतीय खाद्य निगम द्वारा 775 लाख टन से ज्यादा धान खरीदा गया और इसकी कीमत के तौर पर उसके बैंक खाते में 1.74 लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि का भुगतान किया गया।
इसमें लघु एवं सीमांत किसानों की संख्या सर्वाधिक रही जो समूचे देश में फैले हुए हैं। इसके साथ ही केन्द्रीय पूल में चावल का स्टॉक बढ़कर 490 लाख टन से ऊपर पहुंच गया जिसमें 160 लाख टन ऐसा चावल भी शामिल है जो राइस मिलर्स से प्राप्त होना है। चावल की घरेलू वार्षिक जरूरत 400 लाख टन के करीब रहती है।
आधिकारिक नियमों के अनुसार 1 जुलाई को केन्द्रीय पूल में कम से कम 135 लाख टन चावल का स्टॉक मौजूद रहना अनिवार्य है जबकि वातविक स्टॉक न केवल इससे बहुत ज्यादा है बल्कि सम्पूर्ण वार्षिक जरूरतों को पूरा करने के लिए भी पर्याप्त है। अक्टूबर 2024 से धान चावल की नई खरीद भी आरंभ होने वाली है।
इसके आधार पर कहा जा सकता है कि चावल के मोचे पर कहीं-कोई समस्या नहीं है और घरेलू खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार के पास इसका जरूरत से ज्यादा स्टॉक मौजूद है।
चालू खरीफ सीजन में धान का उत्पादन बढ़ने के आसार हैं क्योंकि मौसम विभाग में समूचे देश में सामान्य से अधिक वर्षा होने की भविष्यवाणी की है।