iGrain India - नई दिल्ली । देश के तीसरे सबसे प्रमुख गन्ना एवं चीनी उत्पादक राज्य- कर्नाटक में इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून न केवल सही समय पर पहुंच गया बल्कि राज्य के विभिन्न भागों में अच्छी बारिश भी हुई है। इसी तरह तमिलनाडु में भी सामान्य से अधिक वर्षा होने की खबर है।
इन दोनों राज्यों में जुलाई-अगस्त के दौरान गन्ना की क्रशिंग का विशेष सत्र आयोजित होता है और लगभग 2.00-2.50 लाख टन चीनी का निर्माण हो सकता है।
महाराष्ट्र में भी इस बार मानसून सही समय पर पहुंचा और गन्ना के प्रमुख उत्पादक इलाकों में अच्छी वर्षा हुई। इससे फसल को फायदा होने की उम्मीद है।
महाराष्ट्र चीनी का सबसे प्रमुख एवं गन्ना का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्य- गुजरात में भी मानसून की अच्छी बारिश होने की सूचना मिल रही है।
जहां तक गन्ना के सबसे बड़े उत्पादक प्रान्त उत्तर प्रदेश का सवाल है तो वहां मानसून अक्सर देर से पहुंचता है। अब वहन झमाझम बारिश का दौर शुरू हो चुका है और इससे गन्ना की फसल को राहत मिलने के साथ-साथ इसकी बिजाई भी जोर पकड़ने की संभावना है चीनी के पांच शीर्ष उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र, उत्तेर प्रदेश, कर्नाटक,
तमिलनाडु एवं गुजरात शामिल है। इसके अलावा बिहार, पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में भी चीनी का अच्छा उत्पादन होता है।
राष्ट्रीय स्तर पर गन्ना का उत्पादन क्षेत्र पहले ही गत वर्ष के 55.45 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस बार 56.88 लाख हेक्टेयर पर पहुंच चुका है। आगे इसमें और भी इजाफा हो सकता है।