iGrain India - नई दिल्ली । खरीफ कालीन धान-चावल की सरकारी खरीद की प्रक्रिया 30 जून को समाप्त होने के बाद जो आंकड़ा सामने आया है उससे पता चलता है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा अक्टूबर 2023 से जून 2024 के दौरान कुल 463 लाख टन चावल खरीदा गया जो 2022-23 के खरीफ मार्केटंग सीजन की कुल खरीद 495.30 लाख टन से 6.5 प्रतिसत कम है। अधिकंश राज्यों में धान-चावल की खरीद इस बार कम हुई।
खाद्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष 30 जून तक केन्द्रीय पूल के लिए कुल मिलाकर 520.80 लाख टन चावल खरीदा गया जिसमें रबी सीजन के दौरान हुई 57.80 लाख टन की खरीद भी शामिल है।
खरीफ सीजन में उत्पादित धान की सरकारी खरीद सभी राज्यों में पहले ही पूरी हो चुकी थी मगर आसाम में यह 30 जून तक जारी रही।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 2023-24 के खरीफ मार्केटिंग सीजन म 524.90 लाख टन तथा रबी मार्केटिंग सीजन में 101.20 लाख टन चावल की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया था लेकिन वास्तविक खरीद इससे काफी पीछे रह जाने की संभावना है।
खरीफ मार्केटिंग सीजन में चावल की खरीद नियत लक्ष्य से लगभग 60 लाख टन पीछे रह गई। आसाम में खरीद 55 प्रतिशत घट गई।
सरकार (खाद्य निगम) को सभी कल्याणकारी योजनाओं तथा विशेष दायित्वों में आपूर्ति के लिए करीब 400-410 लाख टन चावल की वार्षिक जरूरत पड़ती है। इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत विवरण का दायित्व भी शामिल है।
समझा जाता है कि 1 अक्टूबर 2023 को जब नया मार्केटिंग सीजन आरंभ हुआ था तब खाद्य निगम के पास करीब 315 लाख टन चावल (धान सहित) का स्टॉक उपलब्ध था इसके बाद चावल (धान) की नई खरीदारी शुरू हो गई।
इसके फलस्वरूप बफर स्टॉक में चावल की मात्रा तेजी से बढ़ने लगी और अब 430-440 लाख टन तक पहुंच जाने की उम्मीद है।
ध्यान देने की बात है कि 2022-23 में सरकार द्वारा खरीफ, रबी एवं जायद सीजन में कुल मिलकर 568.70 लाख टन चावल की खरीद की गई थी। सरकार के पास अभी चावल का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है।