iGrain India - खम्माम । दक्षिण भारतीय राज्य- तेलंगाना में अगले कुछ वर्षों के दौरान ऑयल पाम का उत्पादन क्षेत्र बढ़ाकर 20 लाख एकड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य नियत किया गया है जिसे बहुत ऊंचा या महत्वाकांक्षी लक्ष्य माना जा रहा है।
वैसे राज्य में पाम की खेती के लिए मौसम, मिटटी एवं जलवायु काफी अनुकूल है लेकिन इस विशाल लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्पादकों को भारी प्रोत्साहन देना आवश्यक है।
इसका एक खास कारण यह है कि पाम का पौधा लगाने के बाद तीन चार साल तक किसानों को कोई आमदनी नहीं होती है जबकि नियमित रुपए से उस पर खर्च करना पड़ता है। चार साल के बाद ही फल होता है।
तेलंगाना में पिछले कुछ वर्षों के अंदर ऑयल पाम का बागानी क्षेत्र 50 हजार एकड़ से बढ़कर 2 लाख एकड़ पर पहुंच गया। पिछली सरकार ने इसका क्षेत्रफल बढ़ाने का अच्छा प्रयास किया था और अब मौजूदा सरकार से भी ऐसी ही उम्मीद की जा रही है।
राज्य में ऑयल पाम के उत्पादन संवर्धन में नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल्स-ऑयल पाम का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
तेलंगाना सरकार ने पाम की नर्सरी लगाने किसानों को सैपलिंग (नवजात पौधा) उपलब्ध करवाने के लिए 14 कंपनियों को अनुमति दी थी। इससे अनेक किसानों को पाम के नए-नए बागान लगाने में काफी सहायता मिली।
तेलंगाना का खम्माम जिला पाम उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। वहां प्रति वर्ष औसतन 3 लाख टन एफएफबी (फ्रेश फ्रूट बंचेज) का उत्पादन होता है।
अब नए-नए बागानों में पौधे बड़े होने लगे हैं जिससे अगले दो वर्षों में वहां पाम के उत्पादन में लगभग दोगुनी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। लेकिन इस बार पाम का भाव काफी घट गया है।