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मानसून की अच्छी बारिश के सहारे खरीफ फसलों की बिजाई बढ़ने की संभावना

प्रकाशित 13/07/2024, 04:05 pm
मानसून की अच्छी बारिश के सहारे खरीफ फसलों की बिजाई बढ़ने की संभावना
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iGrain India - नई दिल्ली । दक्षिण-पश्चिम मानसून की बढ़ती सक्रियता एवं गतिशीलता से देश के विभिन्न भागों में अच्छी बारिश हो रही है जिससे किसानों को प्रमुख खरीफ फसलों का उत्पादन क्षेत्र बढ़ाने का शानदार अवसर मिल रहा है।

विगत वर्षों की भांति इस बार भी किसान उन जिंसों की खेती पर अधिक जोर दे रहे हैं जिसका या तो बाजार भाव ऊंचा चल रहा है या आगे इसमें तेजी आने की उम्मीद है।

चालू खरीफ सीजन में खासकर धान, दलहन एवं तिलहन फसलों की बिजाई को प्राथमिकता दी जा रही है। मोटे अनाजों में मक्का का क्षेत्रफल बढ़ रहा है।

गन्ना का रकबा कुछ ऊपर हुआ है मगर अब इसकी बिजाई में ठहराव आ गया है। कपास के क्षेत्रफल पर संशय बना हुआ है।

शुरूआती दौर में इसका रकबा बढ़ने के संकेत मिले थे मगर अब धीरे-धीरे वृद्धि का दायरा सिकुड़ता जा रहा है। इसी तरह तिलहन फसलों में सोयाबीन की बिजाई में आरंभिक बढ़ोत्तरी के बाद अब कुछ सुस्ती देखी जा रही है।

मूंगफली की बिजाई गुजरात और राजस्थान जैसे शीर्ष उत्पादक प्रांतों में जोर पकड़ने लगी है जिससे क्षेत्रफल में कुछ बढ़ोत्तरी होने के आसार हैं। 

वर्तमान खरीफ सीजन में दलहन फसलों और खासकर अरहर (तुवर) एवं उड़द के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है क्योंकि एक तो इसका बाजार भाव काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा है तथा सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर क्रमश: 7550 रुपए एवं 7400 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित कर दिया है

और दूसरे, प्रमुख उत्पादक राज्यों- महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात एवं उत्तर प्रदेश आदि में मानसून की अच्छी बारिश भी हो रही है।

जहां तक सबसे प्रमुख खाद्यान्न- धान का सवाल है तो इसकी खेती सभी परम्परागत क्षेत्रों में सामान्य होने की उम्मीद है मगर झारखंड, उड़ीसा तथा छत्तीसगढ़ के कुछ भागों में कम वर्षा होने से इसके क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी होने में संदेह पैदा हो गया है।

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