iGrain India - साओ पाउलो । रूई के वैश्विक बाजार मूल्य पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है क्योंकि एक तरफ प्रमुख उत्पादक एवं निर्यातक देशों के बीच निर्यात के मोर्चे पर प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है जबकि दूसरी ओर कीमतों के प्रति सचेत एवं संवेदनशील खरीदार अन्य सस्ते फैब्रिक्स से निर्मित वस्त्रों के उपयोग को प्राथमिकता दे रहे है।
न्यूयार्क स्थित आईसीई में चालू माह के दौरान रूई का वायदा भाव गिरकर 69 सेंट प्रति पौंड से नीचे आ गया जो अक्टूबर 2020 के बाद का सबसे निचला स्तर रहा।
मई 2022 में वहां रूई का वायदा भाव उछलकर गत 10 वर्षों के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया था जबकि वर्तमान मूल्य स्तर उसके आधे से भी नीचे है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक लैटिन अमरीकी देश- ब्राजील से निर्यात में जोरदार बढ़ोत्तरी होने से रूई के दाम पर दबाव बढ़ गया है।
ब्राजील अब अमरीका को पीछे छोड़कर दुनिया में रूई का सबसे प्रमुख निर्यातक देश बन गया है। 2023-24 के मार्केटिंग सीजन के दौरान अमरीका से 118 लाख गांठ रूई का निर्यात हुआ जबकि ब्राजील से इसका शिपमेंट तेजी से बढ़कर 124 लाख गांठ पर पहुंच गया।
इसके बाद 58 लाख गांठ के निर्यात के साथ ऑस्ट्रेलिया तीसरे नम्बर पर रहा। भारत रूई निर्यात के मामले में काफी पीछे रह गया।
ब्राजील लगातर रूई का उत्पादन बढ़ाने के प्रयास कर रहा है जबकि वहां इसकी घरेलू मांग एवं खपत कम होती है इसलिए उसे अपने उत्पादन के अधिकांश भाग का विदेशों में निर्यात करने का अवसर मिल जाता है।
एक अमरीकी संस्था का कहना है कि ब्राजील जिस तेजी से रूई का उत्पादन एवं निर्यात बढ़ा रहा है उससे भविष्य में अमरीका को गंभीर खतरा हो सकता है क्योंकि ब्राजील रूई निर्यात में उन देशों को टारगेट कर रहा है
जो अमरीकी रूई के परम्परागत खरीदार हैं। ब्राजील में कपास का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 18.70 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो 2022-23 के क्षेत्रफल से 13 प्रतिशत अधिक था।