50% छूट! 2025 में बाज़ार को मात दें InvestingPro के साथसेल को क्लेम करें

उत्तरी भारत में कपास के बिजाई क्षेत्र में जबरदस्त गिरावट

प्रकाशित 18/07/2024, 04:28 pm
उत्तरी भारत में कपास के बिजाई क्षेत्र में जबरदस्त गिरावट
CT
-

iGrain India - चंडीगढ़ । कीड़ों-रोगों के घातक प्रकोप से कपास की फसल को होने वाले भारी नुकसान के कारण उत्तरी राज्यों के किसाओं का उत्साह एवं आकर्षक इस महत्वपूर्ण औद्योगिक फसल की खेती के प्रति इस बार काफी घट गया है।

इसके फलस्वरूप तीनों प्रमुख उत्पादक प्रांतों- राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में कपास के बिजाई क्षेत्र में जबरदस्त गिरावट आ गई है।

पंजाब में अनुपातिक रूप से क्षेत्रफल में सबसे ज्यादा गिरावट आई है और वहां किसान अब कपास के बजाए धान की खेती को प्राथमिकता दे रहे हैं। इसी तरह राजस्थान में भी नरमा कपास के रकबे में भारी कमी आई है। 

पंजाब के मालवा संभाग में कपास की फसल को हमेशा पिंक बॉलवर्म तथा व्हाईट फ्लाई जैसे कीट से भयंकर खतरा बना रहता है।

इससे फसल काफी हद तक बर्बाद हो जाती है और रूई का भाव नीचे होने से उत्पादकों को वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है।

इसके मुकाबले वहां धान की फसल को सुरक्षित माना जाता है क्योंकि इसकी सरकारी खरीद निश्चित रूप से होती है। 

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान जुलाई के प्रथम सप्ताह तक पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान में संयुक्त रूप से कपास का उत्पादन क्षेत्र घटकर 10.23 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया जो पिछले साल की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 16 लाख हेक्टेयर से करीब 6 लाख हेक्टेयर कम है।

पंजाब में बिजाई की हालत सबसे कमजोर रही। वहां क्षेत्रफल घटकर महज 97 हजार हेक्टेयर के आसपास रह गया जबकि 80 तथा 90 के दशक में वहां इसका सामान्य औसत क्षेत्रफल 7.58 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया था।  

इसी तरह राजस्थान में कपास का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 8.35 लाख हेक्टेयर से लुढ़ककर इस बार 4.75 लाख हेक्टेयर तथा हरियाणा  में 5.75 लाख हेक्टेयर से घटकर 4.50 लाख हेक्टेयर पर अटक गया है।

कपास के क्षेत्रफल में आई गिरावट से जो खेत खाली होगा उसमें किसान धान एवं मक्का सहित कुछ अन्य फसलों की खेती कर सकते हैं। उधर देश के सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त-गुजरात में भी कपास का रकबा घटने की संभावना है।

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित