iGrain India - नई दिल्ली । देश के दो शीर्ष चीनी उत्पादक राज्य- महाराष्ट्र एवं उत्तर प्रदेश में मूसलाधार अधिशेष वर्षा से खेतों में पानी भरने तथा भयंकर बाढ़ का प्रकोप रहने से गन्ना की फसल को नुकसान होने की आशंका है।
उत्तर प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन जिलों में पिछले कई दिनों से विनाशकारी बाढ़ का प्रकोप जारी है जिससे वहां न केवल खरीफ फसलों को क्षति हो रही है बल्कि नई बिजाई में भी बाधा पड़ रही है।
उधर महाराष्ट्र के विभिन्न भागों में मानसून की सक्रियता से न केवल मूसलाधार वर्षा हो रही है बल्कि मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक वहां बारिश का दौर जारी रहने की संभावना भी व्यक्त की है।
भारी वर्षा का अलर्ट गुजरात के लिए भी जारी हुआ है। वहां गन्ना एवं चीनी एक अच्छा उत्पादन होता है। दक्षिणी प्रान्त- कर्नाटक एवं तमिलनाडु के साथ-साथ तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश में भी जोरदार बारिश की संभावना व्यक्त की गई है।
कृषि विषेशज्ञों का कहना है कि सामान्य रूप से होने वाली वर्षा गन्ना की फसल के लिए लाभ दायक साबित होती है क्योंकि इससे फसल की औसत उपज दर तथा गन्ना से चीनी की औसत रिकवरी दर में बढ़ोत्तरी की उम्मीद रहती है
लेकिन खेतों में लम्बे समय तक पानी का जमाव रहने और विशेषकर बाढ़ का पानी भरने से फसल को नुकसान होने की आशंका रहती है।
राष्ट्रीय स्तर पर गन्ना का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 57.68 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है जो पिछले साल की सामान अवधि के बिजाई क्षेत्र 57.05 लाख हेक्टेयर से 63 हजार हेक्टेयर ज्यादा है। वैसे एक समय गन्ना का रकबा गत वर्ष से 1.43 लाख हेक्टेयर आगे चल रहा था। अब बिजाई अंतिम चरण में पहुंच गई है।