iGrain India - नई दिल्ली । दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रथम माह यानी जून 2024 में देश के अंदर दीर्घकालीन औसत (एलपीए) की तुलना में करीब 11 प्रतिशत कम बारिश हुई मगर जुलाई में अधिक वर्षा दर्ज की गई।
चालू माह के दूसरे सप्ताह तक 9 प्रतिशत अधिशेष वर्षा होने से वर्षा की कुल कमी घटकर 2 प्रतिशत रह गई। ध्यान देने की बात है कि जुलाई के पहले के पहले सप्ताह में लगभग 39 प्रतिशत अधिशेष बारिश हुई थी मगर दूसरे सप्ताह में मानसून काफी सुस्त एवं कमजोर पड़ गया।
अब तीसरे सप्ताह सप्ताह में यह पुनः देश के कई राज्यों में सक्रिय हो गया है जिससे महाराष्ट्र, गुजरात एवं तेलंगाना जैसे प्रांतों में भारी वर्षा हो रही है। इसके अलावा अनेक राज्यों में सामान्य बारिश होने की खबर है। अच्छी वर्षा होने से बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर बढ़ने लगा है।
अच्छी खबर यह है कि जून में देश के सात जलाशय पूरी तरह सूख गए थे जिसमें से चार जलाशयों में पानी का भंडार होने लगा है और शेष तीन जलशय की आगे होने वाली बारिश के सहारे सूखने के दायरे से बाहर निकल सकते हैं।
नेपाल से पानी छोड़े जाने तथा आसमानी वर्षा का दौर जारी रहने से उत्तर प्रदेश एवं बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है।
गोरखपुर में राप्ती, बिहार में कोसी एवं बागमती तथा आसाम में ब्रह्मपुत्र नदी में भयंकर बाढ़ आ गई है। वैसे देश के कुछ राज्यों में वर्षा सामान्य से कम या बहुत कम हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार 18 जुलाई तक देश के जिन 724 जिलों से आंकड़े एकत्रित किए गए उसमें से 61 प्रतिशत जिलों में सामान्य या सामान्य से अधिक तथा 39 प्रतिशत जिलों में सामान्य से कम या बहुत कम वर्षा हुई। इससे कुछ राज्यों में बाधों एवं जलाशयों में पानी का भंडार (स्तर) ज्यादा नहीं बढ़ सका। आगे भंडार बढ़ने की उम्मीद है।