iGrain India - मापुतो । अफ्रीका महद्वीप में अवस्थित तुवर के सबसे प्रमुख निर्यातक देश- मोजाम्बिक के कई भागों में भयंकर सूखा पड़ने से 1.25 लाख से अधिक लोगों के समक्ष भूखमरी का संकट पैदा हो गया है और कृषि फसलों पर भी गहरा प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
देश के मध्यवर्ती भाग में सूखे का प्रकोप ज्यादा गंभीर है जहां सोफाला प्रान्त के एक जिले में सूखे की वजह से फसलें बुरी तरह बर्बाद हो गई हैं।
वहां अल नीनो मौसम चक्र के प्रकोप से यूरो का संकट बना हुआ है। सोफाला प्रान्त के काईआ जिले में हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में धान, मक्का, दलहन, बीन्स एवं तिल की फसल इस सूखे की वजह से बर्बाद हो गई है और वहां लोग दाने दाने को मोहताज हो रहे हैं।
चालू वर्ष के दौरान इस जिले में लगभग 8 लाख टन कृषि जिंसों का उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया था मगर अब यह उत्पादन 2 लाख टन के आसपास सिमटने की संभावना है।
जिला प्रशासन ने किसानों से निचले इलाकों में खेती करने पर अधिक जोर देने की अपील की है क्योंकि वहां खेतों की मिटटी अभी पूरी तरह सूखी नहीं है और उसमें नमी का थोड़ा-बहुत अंश मौजूद है।
इसके अलावा उत्पादकों से यह आग्रह भी किया गया है किसे अपने कृषि उत्पादों को बेचने में सावधानी बरते ताकि उन्हें भुखमरी का सामना न करना पड़े।
मोजाम्बिक के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संस्थान ने कहा है कि अल नीनो की सक्रियता से बारिश का अभाव हो सकता है और देश के कुछ भागों में इसका संकेत पहले से ही मिल रहा है।
पिछले साल सितम्बर में मोजाम्बिक के राष्ट्रपति ने देश वासियों एवं विभिन्न संगठनों- संस्थानों से कहा था कि वे अल नीनो मौसम चक्र के आगामी प्रकोप एवं प्रभाव से बचने के लिए आवश्यक तैयारी आरंभ कर दें।
इसके तहत देश के कुछ भागों में सामान्य स्तर से काफी अधिक बारिश होने तथा अन्य क्षेत्रों में भयंकर सूखा पड़ने की चेतावनी दी गई थी।