iGrain India - मुम्बई । हालांकि अफ्रीकी देश- मोजाम्बिक से अनेक कृषि उत्पादों के निर्यात पर रोक लग गई है लेकिन फिलहाल एक इसके कारणों का खुलासा नहीं किया गया है।
मोजाम्बिक के पड़ोसी देश- मलावी से भी निर्यात बंद हो रहा है जबकि भारत में इन दोनों देशों से तुवर (अरहर) का आयात बड़े पैमाने पर किया जाता है।
मोटे अनुमान के अनुसार मोजाम्बिक के पास करीब 1.00-1.25 लाख टन तुवर का स्टॉक है जिसका निर्यात शिपमेंट रोका गया है। भारत को विभिन्न कारणों से मोजाम्बिक लम्बे समय से तुवर का निर्यात रोके हुए हैं।
वहां अब इसकी नई फसल की कटाई-तैयारी जल्दी ही आरंभ होने वाली है। समझा जाता है कि चालू वर्ष के दौरान मोजाम्बिक में मौसम की हालत पूरी तरह अनुकूल नहीं रही और विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से तुवर की फसल को नुकसान भी हुआ।
फरवरी-मार्च में भारी वर्षा एवं बाढ़ का प्रकोप रहा था जिससे इस महत्वपूर्ण दलहन फसल की बिजाई लेट से हुई थी इसलिए कटाई भी देर से शुरू हो सकती है।
भारत में मई 2023 के दौरान करीब 38,288 टन तुवर का आयात हुआ था जो मई 2024 में 57 प्रतिशत उछलकर 60,271 टन पर पहुंच गया।
इसने मोजाम्बिक से 15 हजार, सूडान से 18 हजार टन, म्यांमार से सर्वाधिक 18,450 टन, नाइजीरिया से 2007 टन तथा केन्या से 1767 टन का आयात भी शामिल रहा।
म्यांमार से मई 2023 की तुलना में मई 2024 के दौरान भारत में 7 प्रतिशत अधिक तुवर का आयात किया गया। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार चालू कैलेंडर वर्ष के आरंभिक पांच महीनों में यानी जनवरी-मई 2024 के दौरान भारत में कुल करीब 2.66 लाख टन तुवर का आयात हुआ जो पिछले साल की समान अवधि के आयात से लगभग 30 प्रतिशत कम रहा।
इस समयावधि में खासकर म्यांमार, मोजम्बिक एवं सूडान जैसे प्रमुख आपूर्तिकर्ता देशों से तुवर के आयात में गिरावट दर्ज की गई।
इधर घरेलू प्रभाग में चालू खरीफ सीजन के दौरान अरहर का उत्पादन क्षेत्र बढ़कर 19 जुलाई तक 33.48 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो पिछले साल की इसी अवधि के बिजाई क्षेत्र 19.34 लाख हेक्टेयर से 14.14 लाख हेक्टेयर अधिक है।