iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के नए आंकड़ों से पता चलता है कि चालू माह (जुलाई) के आरंभिक तीन सप्ताहों यानी 1 से 21 जुलाई के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य औसत से 7 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। दिलचस्प तथ्य यह है कि 1 से 7 जुलाई तक 39 प्रतिशत तथा 15 जुलाई तक 9 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई थी।
इससे संकेत मिलता है कि देश के कई भागों में मानसून कमजोर पड़ता जा रहा है। वैसे जून में मानसून की वर्षा 11 प्रतिशत कम हुई थी जिसके मुकाबले जुलाई में उसका प्रदर्शन बेहतर देखा जा रहा है।
1 जून से 21 जुलाई के दौरान देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वर्षा दीर्घकालीन औसत (एलपीए) के 99 प्रतिशत पर पहुंच गई।
इसके बावजूद बिहार, झारखंड, पंजाब एवं हरियाणा में सामान्य से कम बारिश हुई है जबकि ये महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य है।
मौसम विभाग के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि के दौरान देश के 16 राज्यों में सामान्य तथा 10 अन्य प्रांतों में सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई।
दक्षिण पश्चिम मानसून इस बार 8 जुलाई की नियत तिथि से 6 दिन पहले यानी 2 जुलाई को ही समूचे देश में पहुंच गया था। मौसम विभाग ने जुलाई माह के दौरान केवल पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर देश के अन्य भागों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है।
ध्यान देने की बात है कि जुलाई को सबसे अधिक वर्षा तथा खरीफ फसलों की सर्वाधिक बिजाई वाला महीना माना जाता है। मौसम विभाग के मुताबिक 1 जून से 21 जुलाई 2024 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर 347.5 मि०मी० बारिश ही थी दीर्घकालीन औसत 351.7 मि०मी० बारिश हुई जो दीर्घकालीन औसत 351.7 मि०मी० से 1.2 प्रतिशत कम रही।
अखिल भारतीय स्तर पर पिछले सप्ताह के दौरान सामान्य से 3 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। सबसे ज्यादा बारिश दक्षिणी क्षेत्र में हुई।
इसके बाद क्रमश: मध्य वर्ती भारत, पूर्वोत्तर क्षेत्र, पूर्वी भाग और पश्चिमोत्तर राज्यों का स्थान रहा। पूर्वी, पूर्वोत्तर एवं पश्चिमोत्तर राज्यों में 15-20 जुलाई वाले सप्ताह के दौरान सामान्य से कम वर्षा हुई।