iGrain India - नई दिल्ली । दक्षिण-पश्चिम मानसून की कुल वर्षा तो दीर्घकालीन (सामान्य) औसत के करीब पहुंच गई है लेकिन बारिश का वितरण असमान होने से कुछ राज्यों के किसान काफी चिंतित हैं।
वहां तापमान भी ऊंचे स्तर पर बना हुआ है। दक्षिणी राज्यों- तमिलनाडु केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में 1 से 21 जुलाई के बीच संयुक्त रूप से 193.6 मि०मी० वर्षा हुई जो सामान्य औसत स्तर 136.2 मि०मी० से 42.1 प्रतिशत अधिक है।
इसी तरह पूर्वी एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र में 353.2 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई जो दीर्घकालीन औसत (एलपीए) 295.90 मि०मी० से 19.4 प्रतिशत ज्यादा है।
इस क्षेत्र में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, आसाम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश एवं सिक्किम शामिल हैं।
देश के मध्यवर्ती क्षेत्र में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा एवं गोवा सम्मिलित हैं। वहां जुलाई के आरंभिक 21 दिनों में 244.5 मि०मी० बारिश हुई जो सामान्य औसत स्तर 210.7 मि०मी० से 16 प्रतिशत अधिक रही।
लेकिन पश्चिमोत्तर क्षेत्र में कुल वर्षा 128.6 मि०मी० तक ही हो सकी जो सामान्य औसत 135 मि०मी० 4.7 प्रतिशत कम रही। देश के 36 मौसम उपखंडों में से 9 उपखण्ड में सामान्य से कम या बहुत कम वर्षा हुई।
इसी तरह देश के 729 जिलों में से 283 जिलों में बारिश सामान्य औसत से कम हुई और इसमें भी 42 जिले ऐसे हैं जहां बहुत कम या नगण्य बारिश हुई है। वहां खरीफ फसलों की बिजाई के लिए किसानों को भारी वर्षा का इंतजार है।