iGrain India - नई दिल्ली । वित्त वर्ष 2024-25 के केन्द्रीय आम बजट में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र (पशु पालन, मत्स्य पालन एवं वानिकी) के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि खरीफ फसलों का डिजीटल सर्वेक्षण किया जाएगा और 400 जिलों में डिजीटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल किया जाएगा।
वित्त मंत्री के अनुसार तिलहनों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए आवश्यक रणनीति बनाई जा रही है। इसके अलावा प्रमुख खपतकर्ता केन्द्रों के नजदीक सब्जियों के उत्पादन हेतु बड़े पैमाने पर क्लस्टर का विकास किया जाएगा।
विभिन्न फसलों की उत्पादकता एवं जलवायु रोधी क्षमता बढ़ाने के उपायों के तहत आम बजट में अनेक घोषणाएं की गई हैं जिसमें उपरोक्त सारे उपाय भी शामिल हैं।
वित्त मंत्री के अनुसार डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) का उपयोग करके चालू वर्ष के दौरान खरीफ फसलों का डिजिटल सर्वेक्षण 400 जिलों में किया जाएगा।
6 करोड़ किसानों एवं उनकी भूमि का विवरण रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा। किसान क्रेडिट कार्ड पर आधारित जन समर्थ पांच राज्यों में जारी होगा।
दलहनों-तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार उसके उत्पादन भंडारण एवं विपणन पक्ष को मजबूत बनाएगी।
वित्त मंत्री के अनुसार अंतरिम बजट में सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन एवं सूरजमुखी जैसी तिलहन फसलों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए जिस रणनीति की घोषणा की गई थी उसे अब क्रियान्वित किया जा रहा है। इसके साथ-साथ दलहनों के उत्पादन संवर्धन के लिए भी समूची प्रयास किए जा रहे हैं।
बजट में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास की आवश्यकता पर जोर देते हुए विभिन्न फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के उपाय लागू करने का प्रस्ताव रखा गया है। कृषि क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में इस बार अच्छी बढ़ोत्तरी की गई है।