iGrain India - मुम्बई । देश के दो महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक पश्चिमी राज्य- महाराष्ट्र एवं गुजरात के अनेक जिलों में मूसलाधार बारिश होने तथा नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आने के कारण खेतों में पानी भर गया है जिससे खरीफ फसलों को नुकसान होने की आशंका है।
दरअसल गत वर्ष महाराष्ट्र एवं कर्नाटक जैसे राज्यों में सूखे का गंभीर संकट पैदा हो गया था जिससे खरीफ फसलों और खासकर दलहन-तिलहन को क्षति पहुंची थी।
उसके विपरीत चालू वर्ष के दौरान महाराष्ट्र पर दक्षिण-पश्चिम मानसून जरूरत से ज्यादा मेहरबान हो गया है क्योंकि वहां नियमित रूप से भारी वर्षा हो रही है।
बारिश का दौर कर्नाटक और गुजरात में भी जारी यही जिससे खासकर निचले इलाकों में जल जमाव का संकट बढ़ गया है।
ध्यान देने की बात है कि महाराष्ट्र, गुजरात और कर्नाटक में खरीफ सीजन के दौरान दलहन-तिलहन फसलों की खेती बड़े पैमाने पर होती है जिसमें अरहर (तुवर), उड़द, मूंग, सोयाबीन, मूंगफली एवं सूरजमुखी आदि शामिल हैं।
गुजरात कपास, मूंगफली एवं अरंडी का सबसे प्रमुख उत्पादक राज्य है। महाराष्ट्र एवं कर्नाटक तुवर के दो सबसे बड़े उत्पादक प्रान्त हैं। महराष्ट्र और कर्नाटक गन्ना के दूसरे एवं तीसरे सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं।
महाराष्ट्र में खरीफ सीजन के दौरान हल्दी की खेती भी बड़े पैमाने पर होती है। उपरोक्त तीनों राज्यों में खरीफ फसलों की बिजाई की रफ्तार काफी तेज रही और फसल की हालत भी आमतौर पर सामान्य बताई जा रही है लेकिन जिन इलाकों में जोरदार बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया है वहां फसलों को नुकसान की आशंका बनी हुई है।