iGrain India - नई दिल्ली । दाल दलहनों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने का इरादा सरकार ने 2024-25 के आम बजट में प्रकट किया है।
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि दलहनों और तिलहनों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए सरकार उसके उत्पादन, भंडारण तथा विपणन पक्ष को मजबूत बनाएगी।
हालांकि भारत दुनिया में दलहनों का सबसे प्रमुख देश है लेकिन साथ ही साथ यह सबसे बड़ा आयातक एवं उपभोक्ता भी बना हुआ है।
देश की जनसंख्या के विशाल भाग के लिए दलहन प्रोटीन का एक प्रमुख स्रोत है। वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 2023-24 के दौरान भारत में दलहनों का आयात खर्च लगभग दोगुना बढ़कर 3.74 अरब डॉलर पर पहुंच गया क्योंकि प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में प्रतिकूल मौसम के कारण घरेलू उत्पादन में काफी गिरावट आ गई थी।
एक अग्रणी संस्था- इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन (इपगा) के चेयरमैन ने बजट घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि दलहन मिशन को आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिये दलहनों की उपज दर और पैदावार बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
देश में दलहनों की खेती तो विशाल क्षेत्रफल में होती है मगर उत्पादकता बहुत नीचे रहने से इसका कुल उत्पादन अपेक्षित स्तर से काफी पीछे रह जाता है।
उपज दर बढ़ाने के लिए बीज की क्वालिटी सुधारने पर फॉक्स होना चाहिए और और यह बेहतर तथा समेकित अनुसंधान से संभव हो सकता है।
भारत में दलहनों की उपज दर बहुत कम है जिसे बढ़ाने के लिए उच्च उत्पादकता वाले बीज की खेती का दायरा बढ़ाने की जरुरत है। उपज दर में वृद्धि होने पर किसानों की आमदनी भी बढ़ जाएगी।
हाल ही में सरकार ने खरीफ कालीन दलहनों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी की घोषणा की थी। इसके साथ-साथ केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा था कि सरकार न्यूतनम समर्थन मूल्य पर किसानों से तुवर, उड़द एवं मसूर की खरीद के लिए प्रतिबद्ध है।
आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि दलहनों के मामले में भारत नियमित रूप से अभाव के दौर से गुजर रहा है और इसलिए कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल बना हुआ है।
दलहनों का उत्पादन देश के कुछ ही राज्यों और जिलों तक सीमित है जबकि प्राकृतिक आपदाओं एवं कीड़ों-रोगों से फसल अक्सर प्रभावित हो जाती है।
बिजाई क्षेत्र बढ़ाने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है। अधिक से अधिक जिलों में तुवर, उड़द तथा मसूर की खेती शुरू होनी चाहिए और इसकी उत्पादकता बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।