iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक को खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत खुले बाजार में भारत ब्रांड आटा तथा भारत चावल की बिक्री के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य में बढ़ोत्तरी करने के निर्णय के बारे में सूचित किया है। पत्र में कहा गया है कि मंत्रियों की समिति ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों एवं उपलब्धता की समीक्षा के दौरान निर्णय लिया है कि भारत आटा एवं चावल की बिक्री 30 जून 2024 से आगे भी जारी रखी जा सकती है। इसके अलावा मंत्रियों की समिति (कोम) ने निम्नलिखित निर्णय भी लिए हैं :
1. भारत आटा के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य (एमआरपी) 30 रुपए प्रति किलो नियत किया जाए और गेहूं के लिए 23 रुपए प्रति किलो के आरक्षित मूल्य पर 2.35 रुपए प्रति किलो की सब्सिडी दी जाए ताकि एमआरपी पर इसकी खुदरा बिक्री का निर्णय सुनिश्चित हो सके। इस तरह गेहूं के लिए खाद्य निगम का प्रभावी निर्गत मूल्य 20.65 रुपए प्रति किलो नियत हो जाएगा। यह मूल्य सरकारी एजेंसियों के लिए मान्य होगा।
2. भारत चावल का एमआरपी 34 रुपए प्रति किलो निर्धारित किया जाए और इस पर 2.00 रुपए प्रति किलो की सब्सिडी दी जाए। यह सब्सिडी 24 रुपए प्रति किलो के आरक्षित मूल्य पर दी जाए ताकि नियत एमआरपी पर उसकी बिक्री सुनिश्चित हो सके। इसके फलस्वरूप चावल के लिए प्रभावी निर्गत मूल्य 22 रुपए प्रति किलो रह जाएगा।
3. आरक्षित मूल्य तथा प्रभावी निर्गत मूल्य के बीच जो अंतर बनेगा उसे मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) से पूरा किया जाएगा। चावल तथा आटा का यह मूल्य नए रिलीज आर्डर पर उस समय प्रभावी होगा जब पुराने स्टॉक की बिक्री हो जाएगी।