iGrain India - मुम्बई । सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सी) ने कहा है कि पिछले साल के मुकाबले चालू खरीफ सीजन के दौरान तिलहन फसलों के बिजाई क्षेत्र म अच्छी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
इस बार मध्य जुलाई तक देश के विभिन्न भागों में लगभग सामान्य वर्षा हुई जिससे किसानों को तिलहन फसलों का रकबा बढ़ाने का अवसर मिल गया।
एसोसिएशन के अध्यक्ष के अनुसार चालू मानसून सीजन के शुरूआती डेढ़ महीनों में यानी 1 जून से 20 जुलाई 2024 के दौरान देश के नौ राज्यों में सामान्य औसत की तुलना में 20 से 49 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई जिसमें झारखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उड़ीसा तथा बिहार भी शामिल है।
दूसरी ओर छह राज्यों में समान्य औसत से ज्यादा वर्षा हुई जिसमें दक्षिण भारत के चार प्रान्त भी सम्मिलित हैं। कुछ प्रांतों में भारी अधिशेष बारिश हुई है।
अध्यक्ष के मुताबिक तिलहन फसों के अधिकांश उत्पादक इलाकों में पर्याप्त बारिश होने से किसानों को बिजाई की गति तेज रखने में कठिनाई नहीं हुई।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार चालू खरीफ सीजन में 15 जुलाई तक तिलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र उछलकर 140.43 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो वर्ष 2023 की समान अवधि के बिजाई क्षेत्र 115.08 लाख हेक्टेयर तथा वर्ष 2022 के क्षेत्रफल 134.04 लाख हेक्टेयर से काफी अधिक है।
इसके तहत खासकर सोयाबीन का रकबा 2023 के 82.44 लाख हेक्टेयर तथा 2022 के 99.35 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस बार 108.10 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया।
मूंगफली का रकबा भी बढ़ रहा है मगर ऊंचे बाजार भाव एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी के बावजूद तिल के उत्पादन क्षेत्र में गिरावट का माहौल बना हुआ है।
खरीफ कालीन तिलहन फसलों की बिजाई जारी है और कमोबेश अगस्त के अंत तक चलती रहेगी। सोयाबीन के क्षेत्र में इजाफा होना एक सुखद आश्चर्य माना जा रहा है।