iGrain India - मुम्बई । सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (सी) के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यानी अप्रैल-जून 2024 के दौरान देश से ऑयल मील के निर्यात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 9 प्रतिशत की गिरावट आ गई।
एसोसिएशन ने इसका कारण राइस ब्रान एक्सट्रैक्शन (डि ऑयल्ड राइस ब्रान) के निर्यात पर पाबंदी लगना माना है। एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि अगर इसके निर्यात पर प्रतिबंध नहीं लगा होता तो पहली तिमाही का निर्यात प्रदर्शन निश्चित तौर पर गत वर्ष से बेहतर होता।
अध्यक्ष के अनुसार डि ऑयल्ड राइस ब्रान (डी ओ आर बी) का घरेलू बाजार भाव घटकर काफी नीचे आ गया है जबकि ड्राईड डिस्टीलर ग्रेन सॉलिड्स (डीडीजीएस) की आपूर्ति एवं उपलब्धता बढ़ने से इसकी कीमतों में आगे और गिरावट आने की संभावना है जिससे राइस मिलर्स को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि डी डी जी एस का इस्तेमाल भी विभिन्न तरह के पशु आहार निर्माण में बड़े पैमाने पर किया जाता है। फिलहाल डि ऑयल्ड राइस ब्रान के निर्यात पर 31 जुलाई 2024 तक प्रतिबंध लगा हुआ है।
एसोसिएशन ने सरकार से प्रतिबंध की समय सीमा आगे नहीं बढ़ाने का आग्रह किया है। डि ऑयल्ड राइस ब्रान का निर्यात वियतनाम एवं थाईलैंड सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ अन्य देशों को किया जाता था जो पिछले अनेक महीनों से बंद पड़ा है।
घरेलू प्रभाग में भी इसकी मांग एवं खपत घट गई है। इससे खासकर पश्चिम बंगाल ने मिलर्स को घाटा हो रहा है। कोलकाता बंदरगाह से डि ऑयल्ड राइस ब्रान का निर्यात शिपमेंट हो रहा था जो पहले ही ठप्प पड़ चुका है।