iGrain India - नई दिल्ली । देश के प्रमुख दलहन उत्पादक राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की अच्छी बारिश हो रही है जिससे किसानों को खासकर तुवर एवं मूंग का रकबा बढ़ाने का अवसर मिल रहा है।
उड़द की बिजाई लगभग सामान्य है। इन तीनों प्रमुख दलहनों का बाजार भाव काफी ऊंचे स्तर पर चल रहा है और इसके न्यूतनम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में भी अच्छी बढ़ोत्तरी की गई है।
आधिकारक आंकड़ों से पता चलता है कि खरीफ कालीन दलहन फलसों का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 89.41 लाख हेक्टेयर से उछलकर इस बार 102.03 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है जबकि बिजाई की प्रक्रिया अभी जारी है।
26 जुलाई तक की अवधि के अनुसार गत वर्ष की तुलना में इस बार अरहर (तुवर) का उत्पादन क्षेत्र 28.73 लाख हेक्टेयर से उछलकर 38.53 लाख हेक्टेयर तथा मूंग का बिजाई क्षेत्र 27.01 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 30.37 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया है।
मोठ का रकबा 7.15 लाख हेक्टेयर पर लगभग स्थिर है लेकिन कुलथी के क्षेत्रफल में कुछ गिरावट आई है। इसी तरह उड़द का उत्पादन क्षेत्र पहले बढ़ रहा था मगर अब गत वर्ष के 23.86 लाख हेक्टेयर से कुछ घटकर इस बार 23.12 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में किसान इस बार तुवर की खेती में भारी दिलचस्पी दिखा रहे हैं क्योंकि वहां मानसून की काफी अच्छी बारिश हो रही है।
इस बार कई प्रांतों में मूंग की बिजाई के प्रति किसानों में जबरदस्त उत्साह एवं आकर्षण देखा जा रहा है। मालूम हो कि प्रमुख दलहनों में केवल मूंग ही एक मात्र ऐसा उत्पाद है जिसके आयात पर प्रतिबंध लगा हुआ है जबकि अन्य दलहनों- अरहर (तुवर), उड़द, चना (देसी), मसूर एवं पीली मटर का निर्बाध रूप से शुल्क मुक्त आयात हो रहा है।
घरेलू उत्पादन बढ़ाने तथा किसनों को ऊंची वापसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने दलहन फसलों के न्यूतनम समर्थन मूल्य में अच्छी बढ़ोत्तरी कर दी है।
इसके तहत तुवर का समर्थन मूल्य 7.9 प्रतिशत बढ़ाकर 7550 रुपए प्रति क्विंटल, उड़द का एमएसपी 6.5 प्रतिशत बढ़ाकर 7400 रुपए प्रति क्विंटल तथा मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1.4 प्रतिशत बढ़ाकर 8682 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। तुवर एवं उड़द का बाजार भाव समर्थन मूल्य से काफी ऊंचा चल रहा है।