iGrain India - नई दिल्ली । शीर्ष उद्योग संस्था- इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन के साथ-साथ नेशनल फेडरेशन ऑफ को ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज द्वारा किए जा रहे जोरदार आग्रह को देखते हुए केन्द्र सरकार चीनी के एक्स फैक्टरी न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोत्तरी के प्रस्ताव पर अगले कुछ दिनों में विचार कर सकती है।
उद्योग संगठनों का कहना है कि पिछली बार पांच साल पूर्व यानी वर्ष 2019 में चीनी का एमएसपी 2900 रुपए प्रति क्विंटल से 200 रुपए बढ़ाकर 3100 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था। उसके बाद से इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है।
दूसरी ओर इस अवधि में गन्ना के उचित एवं लाभकारी मूल्य में नियमित रूप से इजाफा होने के कारण चीनी उत्पादन का लागत खर्च लगातार बढ़ता रहा और अब यह 4000 रुपए प्रति क्विंटल से भी ऊपर पहुंच गया है क्योंकि गन्ना के साथ-साथ अन्य खर्चों में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
हालांकि 3100 रुपए प्रति क्विंटल के एमएसपी के सापेक्ष चीनी का एक्स मिल भाव फिलहाल 3600-3700 रुपए प्रति क्विंटल चल रहा है जबकि खुदरा बाजार भाव 4400-4500 रुपए प्रति क्विंटल की ऊंचाई पर पहुंच चुका है।
यदि एमएसपी में बढ़ोत्तरी की गई तो चीनी के दाम पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ सकता है और इसके दाम में वृद्धि हो सकती है।
केन्द्रीय खाद्य सचिव के अनुसार चीनी का एमएसपी बढ़ाए जाने की मांग पर अगले कुछ दिनों में विचार हो सकता है। 2024-25 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए गन्ना एवं चीनी के उत्पादन का परिदृश्य बेहतर नजर आ रहा है और इसलिए चीनी की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति आगामी महीनों में सुगम बनी रहेगी।
उद्योग के पास चीनी का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। वैसे सरकार ने अगस्त 2024 के लिए केवल 22 लाख टन चीनी का फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा जारी किया है जो जुलाई के 24 लाख टन के कोटे से 20 लाख टन कम है।